Friday , 20 September 2024
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उत्तराखंड: विधानसभा में अपना दुखड़ा रोते रहे विधायक, नहीं सुनते अधिकारी, फिर आपका और हमारा क्या होगा?

देहरादून: अधिकारियों के बेलगाम होने की बातें उत्तराखंड में अक्सर सामने आती रहती हैं। आम लोग तो अघिकारियों के रवैसे से दुखी और परेशान हैं ही, अब विधानसभा में सरकार और विपक्ष के विधायकों ने भी अधिकारियों की मानमानी को लेकर अपना दुखड़ा रोया है। विधानसभा में यह मामला छाया रहा। विधायकों की शिकायतों को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भी गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव को तलब किया। उन्होंने ऐसा एक्शन इसलिए भी लिया होगा, क्योंकि वो खुद भी भुक्तभोगी हैं।

सवाल यह है कि तमाम दावे करने वाली धामी सरकार में आखिर अधिकारियों को इतनी छूट कैसे मिल रही है कि वो विधायकों को भी अनदेखा कर रहे हैं। उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फोन करने वाला विधायक है या फिर कोई और। आलम यह है कि पहले फोन नहीं उठाते और फिर बैककॉल भी नहीं करते।

उत्तराखंड विधानसभा के तीसरे दिन बेलगाम ब्यूरोक्रेसी का मुद्दा कांग्रेस के सीनियर विधायक प्रीतम सिंह ने उठाया। उन्होंने कहा कि अधिकारी विधायकों का फोन तक नहीं उठाते। इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मुख्य अभियंता आप.पी. सिंह को बुलाने की मांग की और कहा कि इस अधिकारी की संपत्ति की जांच कराई जाए।

यह मामले ना केवल प्रीतम सिंह ने उठाया, बल्कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी अधिकारियों की मानमानी का मुद्दा विधानसभा में उठाया। प्रीतम सिंह ने कहा कि पीएमजीएसवाई के मुख्य अभियंता के पीछे कोई ताकत काम कर रही है, जिसका वो जल्द पर्दाफाश करेंग।

एक ओर अधिकारी विधायकों और आम लोगों की नहीं सुनते, दूसरी ओर सरकार भी विधानसभा अध्यक्ष के निर्देशों को अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि तीसरी बार सरकार को इस बारे में निर्देशित कर रही हैं। उनके निर्देशों का पालन नहीं किया गया।

प्रीतम सिंह से पहले कांग्रेस के ही विधायक तिलकराज बेहड़ ने भी अधिकारियों की मानमानी और विशेषाधिकारी हनन का मामला उठाया था। इससे एक बात तो साफ है कि आखिर अधिकारी इतने बेलगाम कैसे हो सकते हैं।

इससे एक और गंभीर सवाल यह उठता है कि अधिकारी कहीं ना कहीं सरकार की छवि को भी धूमिल कर रहे हैं। विधानसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों की ओर इस मामले को उठाया गया, ऐसे में सरकार पर ही अपने भी सवाल उठा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को कई ठोस कदम जरूर उठाना चाहिए।

कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। उन्होंने  बताया की पीएमजीएसवाई के चीफ इंजीनियर को करीब 28 बार फोन मिलाया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। एक बार फोन उठाने पर उन्होंने मिलने का समय दिया, लेकिन वह मिले नहीं। इसके बाद भी उन्होंने मिलने के बजाय बार-बार गुमराह किया।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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