Wednesday , 4 December 2024
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उत्तरकाशी: परिसीमन में जिला पंचायत वार्डों की संख्या घटी!, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने बताया जनभावनाओं के विपरीत!

उत्तरकाशी: प्रदेश में इन दोनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी के सिलसिले में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों का परिसीमन कार्य किया जा रहा है। इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर उत्तरकाशी जिले से सामने आई है।

बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी जिला पंचायत के वार्डों की संख्या को परिसीमन में कम किया जा रहा है, जिसको लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कड़ा एतराज जताते हुए इस फैसले को जनभावनाओं के विपरीत और खेदजनक बताया है। उनका कहना है कि जिले में मोरी में एक, भटवाड़ी में एक और एक वार्ड को खत्म किया जा रहा है, जो पूरी तरह निराधार और निराशाजनक निर्णय है।

जिला पंचायत उत्तरकाशी में 25 वार्ड हैं। इन वार्डों के कम करने के बाद 22 वार्ड रहे जाएंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कहा कि उत्तरकाशी जनपद में जिला पंचायत के वार्डों की संख्या कम करने का जो निर्णय लिया गया है, वह जनभावनाओं के विपरीत और अत्यंत खेदजनक है। यह निर्णय जनता के हितों के साथ घोर अन्याय है, जिससे पूरे क्षेत्र में निराशा, रोष, और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

उन्होंने कहा कि यह भी विडंबना है कि इस परिसीमन का कोई स्पष्ट और तर्कसंगत आधार नहीं दिया गया है। पहाड़ उत्तराखंड की आत्मा हैं और इनकी जनता इसके मूल स्तंभ। पहाड़ों और यहां की जनता के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ या उनके हितों से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि परिसीमन पुनर्गठन समिति को इस निर्णय पर गहनता से पुनर्विचार करना चाहिए और जन भावनाओं का सम्मान करते हुए पूर्व की भांति वार्डों को यथावत रखा जाए। यह मांग न केवल न्यायसंगत है, बल्कि क्षेत्र की भावनाओं और आवश्यकताओं का भी प्रतिनिधित्व करती है।

उन्होंने कहा कहा कि इस विषय को लेकर मैंने सचिव पंचायती राज और राज्य निर्वाचन आयुक्त से पत्राचार किया है, ताकि यह मुद्दा समुचित तरीके से उठाया जाए। आगे इस मुद्दे को लेकर जो भी निर्णय जनता देगी, मैं पूरी मजबूती और सशक्त रूप से उनके साथ खड़ा रहूंगा।

इससे एक बात तो साफ है की जिला पंचायत वार्डों की संख्या कम करने जरूरत आखिर क्यों पड़ी? जबकि दूरस्त क्षेत्र के लोगों का जिला पंचायत में प्रतिनिधित्व होना आवश्यक है। इसको लेकर अभी से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं और बातें हो रही हैं। लोग सरकार के फैसले के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तक पर विचार करने लगे हैं। अब देखता होगा की सरकार इस निर्णय को यथावत रखती है या फिर इसको बदलने का फैसला करती है।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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