उत्तरकाशी : ऑपरेशन सिलक्यारा को 9 दिन पूरे हो गए हैं। पिछले 9 दिनों से एक के बाद एक रेस्क्यू कार्यों में जुटी एजेंसियां प्लान-दर-प्लान बनाने में जुटी हैं। लेकिन, अब तक कोई भी प्लान सफल नहीं हो पाया है। अधिकारी और मंत्रियों का आने का सिलसिला भी जारी है। इन सब के बीच केवल और केवल आदेश और निर्देश देने का दौर चल रहा है।
सवाल है कि आखिर यह सब कब तक यह सब चलता रहेगा? टनल में फंसी 41 जिंदगियों को कब बचाया जाएगा? टनल में कैद मजदूरों के परिजनों का कहना है कि सरकार जल्द कुछ करे, कहीं कुछ अनहोनी ना हो जाए।
इस बीच टनल के ऊपर पहाड़ी से बोरिंग करने का जो काम होना था। उसमें भी काम शुरू होने से पहले ही अड़चनें आ गई हैं। मशीनों को पहाड़ी के ऊपर तक पहुंचाने के लिए बनाई जा रही सड़क का काम फिलहाल रोकना पड़ा है।
बताया जा रहा है सड़क निर्माण के दौरान टनल के भीतर कुछ कंपन महसूस हुआ, जिसके बाद फिलहाल काम रोकना पड़ा। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, रेस्क्यू कार्य में पहले दिन से ही कुछ ना कुछ दिक्कतें सामने आ रही हैं। इससे एक बात तो साफ है की रेस्क्यू एजेंसियां किसी एक प्लान पर पुख्ता तौर पर फिलहाल सही से काम नहीं कर पाई हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
वहीं, PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और PMO के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने बचाव अभियान में शामिल सभी संबंधित विभागों (आरवीएनएल, नवयुग, ONGC, राज्य PWD, BRO और THDC) से अपील की और उनसे प्रगति पर अंतिम रिपोर्ट प्रदान करने को कहा। शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन
रेस्क्यू कार्य के लिए तैनात नोडल अधिकारी सचिव डॉ. नीरज खन्ना ने बताया कि बचाव दल को सुरंग में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और PMO में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने रेस्क्यू टीम को सख्त निर्देश दिए।