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गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम शुरू किया गया है।
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विद्यार्थियों को कहानियों के जरिए पानी का महत्व बताया जा रहा है।
उत्तरकाशी: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के साथ साझेदारी में गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को कहानियों के जरिए पानी का महत्व बताया जा रहा है।
इसीके तहत काशी विश्वनाथ की नगरी उतरकाशी के श्री विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में उपस्थित छात्रों के बीच प्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा ने पानी तो है! का पाठ किया गया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से मणिभूषण, मनीषा बिष्ट, सुशील कुमार के साथ ही महाविद्यालय के प्राचार्य जगदीश प्रसाद उनियाल, डॉ. अनिल बहुगुणा, लवलेश दुबे के साथ ही गंगा पर केन्द्रित चित्रकला प्रतियोगिता संपन्न कराने वाली शिक्षिकाएं मौजूद रही।
प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले बच्चों को पुस्तकें भेंट कर पुरस्कृत किया गया। महावीर रवांल्टा ने कहा कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और जल शक्ति मंत्रालय की ओर से यह सकारात्मक पहल की गई है। उन्होंने कहा कि अपनी अध्ययन स्थली रही उतरकाशी में ऐसे आयोजन का हिस्सा होना मेरे लिए निश्चित रुप से सौभाग्य की बात है।