Friday , 20 September 2024
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उत्तराखंड: विधि-विधान से खुले विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट

  •  कपाट खुलने के समय दस हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे।

  • • कपाट खुलने के लिए श्री बदरीनाथ मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया।

  • • सेना के भक्तिमय बैंड की सुर लहरियां तथा जय बदरीविशाल के उदघोष से बदरीश पुरी गुंजायमान रही।

 

श्री बदरीनाथ धामः विश्वप्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोचारण एवं सेना गढ़वाल स्काउट जोशीमठ के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों एवं जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ विधि-विधान से आज रविवार को प्रातः 6 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये गये हैं। इस अवसर पर दस हजार से अधिक तीर्थ यात्री कपाट खुलने के साक्षी बने।

कपाट खुलने के दौरान वेदवेदांग संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ के छात्रों शिक्षकों द्वारा श्री बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार पर स्वास्तिवाचन किया गया। बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा बदरीनाथ मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था। बदरीनाथ में कल रात से रूक- रूककर बारिस हो रही थी। लेकिन आज कपाट खुलते समय हल्की बूंदाबांदी हुई।

दानीदाताओं और भारतीय सेना ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन किया। माणा महिला मंगल दल ने पारंपरिक चांचड़ी , चौंफुला नृत्य से भगवान बदरीविशाल और यात्रियों का स्वागत किया।

जिला मुख्यालय से आये प्रादेशिक रक्षा दल के महिला बैंड की भी धूम रही। मंदिर समिति स्वयं सेवकों, पुलिस, आईटीबीपी, होमगार्ड द्वारा दर्शन व्यवस्था में पर्याप्त योगदान किया गया।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति(बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट खुलने के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं कहा कि मंदिर समिति तीर्थ यात्रियों को भगवान बदरीविशाल के सरल- सुगम दर्शनों हेतु प्रतिबद्ध है इस यात्राकाल में भी भारी संख्या में तीर्थ यात्री श्री बदरीनाथ धाम दर्शन हेतु पहुंचेंगे।

कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत बीते शनिवार शाम को योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी तथा आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ धाम के रावल गाइूघड़ा तेलकलश श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गया था। रविवार 12 मई को प्रातः साढ़े तीन बजे से बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित मंदिर समिति पदाधिकारी एवं सदस्य तथा विशिष्ट अतिथि रावल, धर्माधिकारी वेदपाठी, साधु- संत और हकहकूकधारी  डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत, मेहता, भंडारी कमदी थोक के प्रतिनिधि मंदिर समिति अधिकारी, कर्मचारी मंदिर परिसर में पहुंच गये थे।

रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी सहित धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट ने द्वार पूजन किया। पूजा- अर्चना, वैदिक मंत्रोचारण के पश्चात रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये कपाट खुलते ही मां लक्ष्मी मंदिर गर्भ गृह से अपने मंदिर परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान हो गयी तथा श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी सहित गाडू घड़ा तेलकलश बदरीश पंचायत में विराजमान हो गये। इस दौरान संपूर्ण बदरीनाथ धाम में जय बदरीविशाल का उदघोष होने लगा। अभिषेक से पहले भगवान बदरीविशाल के निर्वाण दर्शन शुरू हुए  दिन में अभिषेक के बाद भगवान बदरीविशाल के दर्शन होंगे।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही सभी निकटवर्ती मंदिरों श्री गणेश मंदिर, श्री घंटाकर्ण मंदिर, श्री गरूड़ मंदिर,श्री लक्ष्मी माता मंदिर,श्री आदि केदारेश्वर मंदिर,आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर मातामूर्ति मंदिर और भविष्य बदरी मंदिर सुवाई तपोवन के कपाट भी खुल गये हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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