ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और एपेडिमिलॉजिकल फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एफिकॉन 2020 अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस विधिवत संपन्न हो गई। कार्यशाला के समापन अवसर पर देश-दुनिया के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने नॉन कॉम्निकेबल डिजीज, मां व शिशु के प्राथमिक स्वास्थ्य की देखभाल एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य आधारित साक्ष्य पर चर्चा की।
कार्यशाला के अंतिम दिन विश्वभर स करीब 2000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी को एएफआई की ओर से ऑरेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। एफिकॉन 2020 अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के समापन सत्र में एविडेंस बेस्ड पब्लिक हैल्थ विषय पर व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने शिशु और मां के स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया और सामाजिक स्वास्थ्य को लेकर इसका महत्व बताया।
उन्होंने बताया कि मां व बच्चे के स्वास्थ होंगे तभी जन्म से शिशु में उत्पन्न होने वाली कई तरह की बीमारियों की रोकथाम हो सकती है। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि गर्भावस्था में मां को सभी प्रकार के न्यूट्रेशन के साथ साथ आइरन, कैल्शियम व बिटामिन को पर्याप्त मात्रा में देना चाहिए व गर्भावस्था के दौरान महिला को कम से कम चार बार अस्पताल में सघन परीक्षण के लिए आना चाहिए। इस अवसर पर एपेडिमिलॉजिकल फाउंडेशन ऑफ इंडिया (ईएफआई) की ओर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी को एक्सिलेंट काॅंट्रिब्यूशन इन हैल्थ एंड एजुकेशन के लिए ऑरेशन अवार्ड से नवाजा गया।