लाॅकडाउन…। कोरोना (COVID-19) से जनता डरी हुई है। पुलिस और कुछ नौकरशाह दिन-रात लगकर काम कर रहे हैं। दूूूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री और सचिव स्तर के अधिकारी कोरोना को लेकर खुद हर दिन की जानकारी अपनी राज्य की जनता को दे रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड में सब चौपट है। सुना है…अंधेर नगरी चैपट राजा। अपने यहां…अंधेर नगरी, पर्दे में राजा है। कोरोना से इतना डर कि सूबेदार खुद ही लाॅकडाउन हो गए। ऐसा लाॅक लगाया कि जब से घर का दरवाजा बंद किया…बाहर आना ही भूल गए। इन दिनों दूरदर्शन पर रामयण की टीआरपी आसमान छू रही है। ऐसा लगता है सूबेदार भी रामायण की टीआरपी बढ़ा रहे होंगे…। हो भी क्यों नहीं…आखिर हम देव भूमि में जो रहते हैं।
रामयण की बात चली है…तो एक प्रसंग याद आ रहा है। प्रसंग बाली-सुग्रीव युद्ध के बाद सुग्रीव के राज्याभिषेक और फिर सीता की खोज के लिए सुग्रीव का भगवान राम से किये वायदे को भूल जाना…। उत्तराखंड की जनता भी ऐसा ही सोच रही है कि राजा उनको भूल गया है…। पता नहीं अपने महल से कब बाहर निकलेंगे। पता नहीं कब वो राजमहल का लाॅकडाउन खोलकर प्रकट होंगे…।
और तो और सूबेदार ने सिपाहियों को उप सूबे बांट दिए…। वो जनता के पास गए, लेकिन अब फिर से कैद हैं…। बेचारे मजबूर हैंं। जनता के बीच जाने में डर है कि कहीं कोई लमड़या ना दे। लोग सवाल कर रहे हैं कि उनके अपनों को सरकार कब उनके पास लाएगी…? पर सिपाहियों के पास कोई जवाब नहीं है। हद तो तब हो गई, जब कैबिनेट में सूबेदार ने ही कह दिया कि कोई कहीं नहीं जाएगा…। घर में लाॅकडाउन हो जाओ…। हम आदेश चलाएंगे…बाहर कुछ हो ना हो…। आभासी दुनिया से आभास करा ही देंगे…अपने होने का।
उम्मीद है…। लोगों ने जितने दीये जलाए, पटाखे फोड़े। रामायण की टीआरपी बढ़ाई…। सबको उनके कर्मों का फल मिल जाए और कोरोना यहां से दफा हो जाए…। भगवान राम सबको सुखी रखे…। नौकरी बचाए रखे, कारखाने बंद ना होने दें…ताकि जब हमारे भाई लोग गांव से वापस कारखानों की मशीनों को चलाने लौटें…तो उनका रोजगार सुरक्षित रहे…। सूबेदार का पता नहीं…पर इतना जरूर है कि रामयण के लौटने ने शायद सूबेदार को वो बात सिखा दी…होइहि सोइ, जो राम रचि राखा…। बाकी जय श्री राम…। प्रणाम नमस्कार…।
…Pradeep Rawat (रवांल्टा)