उत्तरकाशी: केंद्र और राज्य सरकारें गंगा स्वच्छता और अविरलता की बातें करती हैं। इसके लिए NGT ने नियम भी बनाए हैं, लेकिन उन नियमों की किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, उसका नाजारा आपको उत्तरकाशी की मनेरी भाली द्वितीय में आसानी से नजर आ जाएगी। मनेरी भाली परियोजना प्रबंधन ने भागरथी की जल धारा को पूरी तरह बंद कर दिया है। इतना ही नहीं प्रशासन की नाक के नीचे परियोजना के बैराज के पास जमकर खनन कराया जा रहा है, जिससे परियोजना को भी खतरा है।
लगातार हो रहे खनन पर कार्रवाई नहीं होने से प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर प्रशासन के सामने ऐसी कौन सी मजबूरी है कि खनन को रोका नहीं जा रहा है। NGT के नियमों की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। केंद्र सरकार के भी आदेश हैं कि गौमुख से गंगा सागर तक गंगा की अविरल धारा बहनी चाहिए, लेकिन जिस तरह से मनेरी भाली द्वितीय नियमों की अनदेखी कर रही है, उससे लगाता है कि उनको नियमों की कोई चिंता नहीं है और ना ही प्रशासन को इस बात से कोई फर्क पड़ता है।
जिस तरह से खनन बैराज के मेन गेट के एकदम नीचे किया जा रहा है। उससे यह भविष्य में परियोजना के लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकता है। खनन का खेल नहीं रुकने के पीछे दो ही वहजें हो सकती हैं। पहली यह कि यह सब प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है या फिर सरकार और माफिया का गठजोड़ है। सरकार के दबाव के चलते प्रशासिनक अधिकारी भी आंखें मूंदे हुए हैं।