देहरादून : कोरोना वायरस महामारी के फैलने की रफ्तार को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन और कर्फ्यू (Lockdown/Curfew) के कारण आर्थिक गतिविधियां फिर से करीब-करीब ठप हो गई. इससे अप्रैल 2021 की शुरुआत से अब तक देश के लाखों लोगों की नौकरियां छिन (Job Loss) चुकी हैं, जबकि करोड़ों लोगों का रोजगार ठप हो गया है.
बेरोजगारी दर बढ़कर 14.5 फीसदी पर पहुंच गई
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबिक, 16 मई 2021 को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान देश में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate of India) बढ़कर 14.5 फीसदी पर पहुंच गई, जो अप्रैल में 8 फीसदी पर थी. हालांकि, अब भी ये पिछेल साल के अप्रैल और मई के मुकाबले 8 फीसदी से ज्यादा कम है. दरअसल, अप्रैल-मई 2020 के दौरान देश में बेरोजगारी दर 23 फीसदी से ऊपर थी.
7 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने का दावा
अब बात उत्तराखंड की करते हैं. उत्तराखंड सरकार में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान भी 7 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने का दावा किया गया था. अब सरकार का चेहरा तो बदल गया है, लेकिन आंकड़ा फिर से पुराना ही उछाला जा रहा है. सवाल यह है कि अगर सीएमआईई की रिपोर्ट बता रही है कि राज्य में केवल लाॅकडाउन में ही नहीं, बल्कि भाजपा सरकार आने के बाद से ही बेरोजगारी दर तेजी से कम होने लगी थी.
सरकार किस आधार पर यह दावा कर रही है
इस मसले को लेकर राजनीति भी हो रही है. कांग्रेस भाजपा के आंकड़ों को हवाई बता रही है. बड़ी बात यह है कि जब सीएमआईई की रिपोर्ट में बेरोजगार दर अब भी लगभग 11 फीसद है, फिर सरकार किस आधार पर यह दावा कर रही है कि उन्होंने 7 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी दी है.
अब यह 10.99 फीसदी पहुंच गई है
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक 2016-2017 में बेरोजगारी दर 1.61 थी और अब यह 10.99 फीसदी पहुंच गई है. वर्ष 2018-19 तक बेरोजगारी दर बढ़ने के बावजूद सिर्फ 2.79 फीसदी थी. कोरोना से पहले 2019-20 में यह तेजी से बढ़कर 5.32 चली गई.
ऊंट के मुंह में जीरा
पहली लहर के बाद जैसे-तैसे कामकाज पटरी पर लौट ही रहा था कि कोरोना की दूसरी लहर ने फिर औसत बेरोजगारी दर को दहाई के अंक में पहुंचा दिया है. बेरोजगारी के भयावह आंकड़ों के सामने रोजगार देने के सरकारी प्रयास ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं.
3.57 लाख प्रवासी उत्तराखंड लौटे थे
अप्रैल 2021 से 5 मई 2021 के बीच शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में 53 हजार प्रवासी उत्तराखंड लौटे. इसमें सबसे अधिक 27.90 फीसद लोग अल्मोड़ा से हैं. पौड़ी में 17.84, टिहरी में 15.23, हरिद्वार में 0.11, देहरादून में 0.29, ऊधमसिंह नगर में 0.66 फीसदी प्रवासी घर लौटे थे। सितंबर 2020 तक करीब 3.57 लाख प्रवासी उत्तराखंड लौटे थे.
मार्च 2016-2017 : 1.61% |
मार्च 2017-2018 : 1.02% |
मार्च 2018-2019 : 2.79% |
मार्च 2019-2020 : 5.32% |
मार्च 2020 से अब तक : 10.99 |
-प्रदीप रावत (रवांल्टा)