देहरादून: मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि वन मंत्री, ऊर्जा मंत्री और श्रम मंत्री हरक सिंह रावत अपना एक मंत्रालय छोड़ना चाहते हैं। मंत्रालय छोड़ने के पीछे यह तो कई कारण नहीं है कि उन पर काम का बोझ ज्यादा है। हरक सिंह रावत और श्रम कर्मकार कल्याण कोर्ड अध्यक्ष के बीच चल रही तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसके चलते हरक सिंह रावत ने अब मंत्रालय छोड़ने की बात कह डाली।
दरअसल, त्रिवेंद्र राज में हरक सिंह रावत से श्रम कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद की कुर्सी छीनकर शमशेर सिंह सत्याल को बिठा दिया गया था। उसके बाद से दो मुख्यमंत्री बदल दिए गए हैं, लेकिन हरक की मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है। हरक सिंह चाहते हैं कि सत्याल को हटा दिया जाए।
ऐसा संभव भी हो जाता, अगर तीरथ सिंह रावत कुछ दिन और मुख्यमंत्री रहते। इस बीच पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। सीएम धामी की कड़क मिजाजी के आगे हरक सिंह रावत की चल नहीं पा रही है। इसके चलते अब उन्होंने बड़ा दांव खेलते हुए मंत्रालय छोड़ने की बात कह दी है।
यह लड़ाई सीधेतौर पर सत्याल और हरक की नहीं। बल्कि हरक और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत की है, जिसमें त्रिवेंद्र भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। इस बीच सत्याल के तेवर भी कम नहीं हो रहे हैं। कभी बैठक में सचिव के साथ बहस की खबरें सामने आती हैं तो कभी सचिव को सस्पेंड करने और कार्यभारी छीन लेने की धमकी के मामले सामने आते हैं।
अब देखना होगा कि हरक सिंह रावत का यह दांव कितना सटीक बैठता है। यह भी देखना होगा कि हरक की इस चाल की काट त्रिवेंद्र रावत कैसे निकालते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पूरे मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी का क्या रुख रहता है, यह भी देखने वाली बात होगी।