Monday , 7 July 2025
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उत्तराखंड: दिल्ली की सड़कों पर दौड़ता पहाड़ का हौसला, अल्मोड़ा के प्रदीप का VIDEO वायरल

देहरादून: उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही वीरों को पैदा करने वाली भूमि भी है। वह स्व. सीडीएस बिपिन रावत हों या एनएसए डोभाल। ऐसे ही 19 साल के अल्मोड़ा निवासी प्रदीप (pradeep mehra) कठिन परिस्थितियों में भी सेना में जाने का जुनून जगाए हुए है। नोएडा की व्यस्ततम सड़क, अंधाधुंध तेज रफ्तार से दौड़ती गाड़ियों के बीच मध्यरात्रि के घने अंधेरे में एक लड़का तेज रफ्तार से दौड़ रहा है।

मां अस्पताल में भर्ती है, बावजूद इसके उसके चेहरे पर कोई सिकन नहीं है। बिना किसी की परवाह किए, आंखों में सुनहरे भविष्य के सपने लिए, पसीने से लथपथ इस मेहनतकश किशोर का एक विडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। चंद मिनटों का यह विडियो पहाड़ के युवाओं के सपनों और साहस के साथ ही उनके बुलंद हौसलों से रूबरू कराता है।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का यह 19 वर्षीय प्रदीप मेहरा (pradeep mehra) इस समय सोशल मीडिया पर सनसनी बन चुका है। वह नोएडा सेक्टर 16 के एक रेस्टोरेंट में काम करने के साथ ही भारतीय सेना में भर्ती की तैयारी के लिए दौड़ लगाता है। यह उसका डेली रूटीन है। पर 20 मार्च की शाम कुछ ऐसा होता है कि यह आम लड़का सोशल मीडिया पर हीरो बन जाता है।

फिल्मकार विनोद कापड़ी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, रात 12 बजे उन्हें यह लड़का (pradeep mehra) कंधे में बैग टांगे बहुत तेज दौड़ता नजर आया। उन्होंने लिखा, उसके दौड़ने की वजह सुनेंगे तो आपको इस लड़के से प्यार हो जाएगा। वीडियो में कापड़ी लड़के को लिफ्ट देना चाहते हैं, लेकिन लड़का मना कर देता है और कहता है कि दौड़ते हुए ही जाएगा। फिर पूछने पर बताता है कि सेक्टर 16 में काम करता है। कार सवार कापड़ी फिर लिफ्ट देने का ऑफर करते हैं, लेकिन लड़का कहता है कि उसे दौड़ने का टाइम ही अभी मिलता है, वह ऐसे ही जाएगा। कारण पूछने पर लड़का कहता है, आर्मी के लिए दौड़ रहा हूं।

लड़के के मुंह से यह वह शब्द हैं, जो हर किसी को झकझोर रहे हैं। नाम पूछने पर दौड़ते-दौड़ते लड़का नाम प्रदीप मेहरा बताता है। बताता है कि वह अल्मोड़ा उत्तराखंड का रहने वाला है। कापड़ी कहते हैं, सुबह दौड़ लेना, अभी कार से छोड़ देता हूं। लड़का कहता है, उसे सुबह ड्यूटी पर जल्दी जाना होता है और खाना भी बनाना होता है। फिर कापड़ी कुमाउनी में पूछते हैं, ईजा-बौजू का छन (माता-पिता कहां हैं)? जवाब में लड़का कहता है, मां का इलाज चल रहा है, हॉस्पिटल में है। यह बातें भावुक कर जाती हैं।

फिर लड़का पहाड़ी में बताता है, यहां भाई के साथ रहता हूं। रोजाना 10 किमी दौड़ता है, सेक्टर 16 से बरोला तक। यह सुन कापड़ी, लड़के के हिम्मत की दाद देते हैं। कापड़ी लड़के को अपने घर चलकर खाना खाने के लिए कहते हैं तो लड़का जवाब देता कि उसका बड़ा भाई भूखा रह जाएगा। वह अब घर जाकर खाना बनाएगा। क्योंकि भाई नाइट ड्यूटी पर गया है। कापड़ी आखिरी तक लिफ्ट देने की बात कहते हैं, लेकिन लड़का मना कर देता है। कहता है उसकी रनिंग बिगड़ जाएगी। उसका रोज का रूटीन है।

कापड़ी कहते हैं प्रदीप (pradeep mehra) तुम लाजवाब हो। वह कहते हैं यह वीडियो वायरल हो जाएगा। इस पर प्रदीप हंसते हुए कहते हैं, मुझे कौन देखेगा और मैं कोई गलत काम थोड़ी कर रहा हूं। कापड़ी इस पर प्रदीप का हौसला बढ़ता है। आखिरी में ‘ऑल द वेस्ट’ कहकर कापड़ी अपनी राह और लड़का अपनी राह निकल जाते हैं। कापड़ी ने रविवार को जैसे ही सोशल मीडिया पर यह वीडियो शेयर किया, यह तेजी से वायरल हो गया।

प्रसिद्ध क्रिकेटर हरभजन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, कवि कुमार विश्वास, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत, इंद्रेश मैखुरी, लगे रहो मुन्नाभाई व थ्री इडियट्स के लिए नेशनल अवार्ड विजेता सिंगर-राइटर स्वानंद किरकिरे, कृष्ण की भूमिका निभा चुके अभिनेता स्वपनिल जोशी, इंडयिन यूथ कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट श्रीनिवास, प्रसिद्ध आरजे, आइएएस, देश के वरिष्ठ पत्रकार और न जाने कितनी हस्तियों ने प्रदीप को शुभकामनाएं दी हैं।

यह सिलसिला जारी है। यह लिस्ट लंबी होती जा रही है। कापड़ी ने रविवार रात को भी युवक का वीडियो बनाकर पोस्ट किया है। कापड़ी ने लिखा प्रदीप का स्कूल रिकॉर्ड में नाम पुष्कर मेहरा है। 11 बजे पूरा काम करने के बाद डबक्वदंसके में फिर मुलाक़ात हुई। उसे बता दिया गया है कि देश उसे कितना प्यार दे रहा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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