बागेश्वर: जंगल में शिकार पर पाबंदी के बावजूद शिकार करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। शिकार करने के दौरान हादसों की खबरें भी सामने आती रहती है। इसी साल टिहरी में भी एक बड़ा हादसा हुआ था। अब बागेश्वर में भी वैसी की घटना सामने आई हैं। जंगल में शिकार करने गए युवक को गोली लगने से मौम हो गई। उसके साथ दो और युवक भी गए थे।
अचानक बंदूक से गोली चली
उनसे पूछताछ की जा रही है। हालांकि, वो कुछ साफ-साफ नहीं बना रहे हैं। उनके अनुसार अचानक बंदूक से गोली चली, जिससे युवक की मौत हो गई। पुलिस ने बंदूक कब्जे में ले ली है। बंदूक गांव के ही किसी दूसरे व्यक्ति की है। लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।
शनिवार रात का था मामला
पुलिस के अनुसार, शनिवार रात कांडा के धपोलासेरा गांव निवासी रवींद्र सिंह अपने दो साथियों कांडा निवासी संजय नगरकोटी और भदौरा निवासी पवन धपोलाके साथ कपूरी के जंगल में शिकार करने गया था। इस दौरा बंदूक से चली गोली रवींद्र सिंह को लग गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गोली कैसे चली, किसने चलाई अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है।
संडे को मिली जानकारी
संजय और पवन ने घटना की जानकारी रात में ही मृतक के गांव के लोगों को दे दी थी। गांव के लोग रात में ही जंगल पहुंच गए। रविवार सुबह घटना की जानकारी मिलने पर कांडा थाने से प्रभारी थानाध्यक्ष खुशवंत सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि संजय नगरकोटी और पवन धपोला ने शिकार के लिए जंगल जाने की बात कबूल की है। पुलिस जांच के बाद ही घटना के रहस्य से पर्दा उठेगा।
होगी कार्रवाई
बागेश्वर एसपी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि जंगल में शिकार करने के लिए गए दोनों लोगों से पूछताछ की जा रही है। मृतक के भाई के लौटने का इंतजार किया जा रहा है। संभवतया वह इस मामले में सोमवार को तहरीर देंगे। तहरीर के आधार पर इस मामले में अगला कदम उठाया जाएगा। सक्षम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बंदूक गांव के ही किसी व्यक्ति की है, वह बाहर रहता है। लाइसेंसी हथियार लापरवाही से रखने की बात सामने आ रही है। बंदूक का लाइसेंस निरस्त कराने की कार्रवाई की जाएगी।
यहां भी हुई थी घटना
इससे पहले टिहरी जिले में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। उसमें जंगल में शिकार करने गए पांच दोस्तों में से दो को गोली लग गई थी। जबकि एक ने डर से जहर खा लिया था। एक फरार हो गया था और एक ने घर आकर पूरी घटना की जानकारी गांव वालों को दी थी।