देहरादून: शिक्षा निदेशालय में शिक्षा विभाग ने धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। विभाग के इस आदेश को लेकर शिक्षकों ने भी आरपार का ऐलान कर दिया है। राजकीय शिक्षक संगठन का कहना है कि अब तक शिक्षक निदेशालय के पीछे की ओर धरना दे रहे थे। अगर, शिक्षकों का अहित होता है और मांगें नहीं मानी जाती हैं तो गेट के आगे धरना दिया जाएगा।
शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान की ओर से आदेश जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया है कि धरना प्रदर्शन के लिए सरकार की ओर से एकता विहार को चिन्हित किया गया है। इसलिए भविष्य में शिक्षक और कर्मचारी संगठन शिक्षा निदेशालय में धरना न दें। आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों और कर्मचारी संगठनों के धरना-प्रदर्शनों से निदेशालय में कामकाज प्रभावित होता है।
इसको लेकर राजकीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष राम सिंह चौहान का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करना कर्मचारियों का हक है और पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि विभाग और सरकार के ओर से शिक्षकों को केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। मांगे पूरी नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा विभाग इस तरीके का आदेश जारी करता है कि शिक्षा निदेशालय में धरना नहीं दिया जाएगा, अगर ऐसा है तो शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में अब तक जो धरना शिक्षा निदेशालय के पीछे की ओर दिया जा रहा था। जरूरत पड़ने पर शिक्षा निदेशालय के गेट के सामने धरना दिया जाएगा। सरकार और विभाग को जो भी करना होगा, वह बाद में देखा जाएगा। लेकिन, शिक्षकों की मांग सर्वाेपरि है।
अब देखना होगा कि इस आदेश के बाद क्या होता है। जहां शिक्षा निदेशक मामले में सख्ती बरतने की बात कह रही हैं। वहीं, शिक्षकों ने भी ऐलान कर दिया है कि जो होगा, देखा जाएगा, लेकिन इस आदेश को नहीं मानेंगे। शिक्षकों के हितों के लिए अगर निदेशालय के गेट पर धरना देना पड़ा तो उससे भी पीछे नहीं हटा जाएगा।