देहरादून : गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद से गैरसैंण चर्चाओं में है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार पर गैरसैंण को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया था। उसके बाद 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन सीएम त्रिवेंद्र ने पहली बार गैरसैंण में राष्ट्र ध्वज फराया। अब उन्होंने एक और बड़ा मैसेज दिया है। सीएम ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विकास का रास्ता गैरसैंण से निकल सकता है। उन्होंने लिखा कि अब वो विधिवत ढंग से गैरसैंण के भूमिधर हो गए हैं। यानी उन्होंने गैरसैंण में जमीन खरीद ली है। साथ ही उन्होंने जन प्रतिनिधियों को वापस अपने क्षेत्रों में लौटने का भी आह्वान किया है। हालांकि इस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि सीएम का ये महज एक राजनीति स्टंट है। पहले भी गैरसैंण में जमीन खरीदने को लेकर चर्चाएं होती रही हैं।
सीएम त्रिवेंद्र ने लोगों को पहाड़ लौटने का संदेश दिया है। अपनी फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वो अब गैरसैंण के भूमिधर बन गए हैं। यानि सीएम ने गैरसैण में जमीन खरीद ली है। सीएम ने अपने फेसबुक में साफ कहा कि गैरसैण जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखंड का विकास किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर सुधरेगी। पोस्ट में लिखा कि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूं। साफ है कि सीएम खुद गांव की ओर चल पड़े हैं और बाकी जनप्रतिनिधियों को भी पहाड़ की तरफ रिवर्स पलायन करने की सलाह दी है।