नैनीताल : पूर्व मुख्यमंत्रियों को किराये में छूट मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को बड़ा झटका दिया है। नैनीताल हाईकार्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधा देने वाले अधिनियम को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि न्यायालय ने भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन मानते हुए यह निर्णय दिया है। कोर्ट ने कहा कि अधिनियम के प्रावधान स्थापित नियमों का उल्लंघन करते हैं।
हाईकोर्ट ने अधिनियम को भारत के संविधान के अनुच्छेद 202 से 207 के उल्लंघन में भी पाया है। अब सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार मूल्य से किराए का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों के रूप में उन्हें दी गई अन्य सभी सुविधाओं के लिए खर्च किए गए धन की गणना करने और उसकी वसूली के लिए राज्य उत्तरदायी होगा।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले में सुनवाई के बाद 23 मार्च 2020 को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। मामले के अनुसार देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार के उस ऑर्डिनेंस को चुनौती दी थी। जिसके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के किराए को बाजार रेट के आधार पर भुगतान करने में राज्य सरकार ने छूट दे दी थी।