Monday , 16 June 2025
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उत्तराखंड से बड़ी खबर: भ्रष्टाचार पर CM धामी का एक और प्रहार, हटाए गए पुरोला नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी

देहरादून: पुरोला नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन सिंह नेगी के खिलाफ शासन ने बड़ा एक्शन लिया है। हरिमोहन सिंह नेगी को सरकार ने उनके पद से हटा दिया है। उन पर सरकारी धन के दुरुपयोग के साथ ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगे थे।

लंबे समय से विभिन्न स्तरों पर जांच चल रही थी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शासन ने पुरोला नगर पंचायत अध्यक्ष को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है। सूत्रों की माने तो बहुत जल्द उन पर कानूनी शिकंजा भी कर सकता है। माना जा रहा है कि इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।

आदेश में बड़ी बातें

पर के पत्र नगर पंचायत पुरोला में बरती जा रही अनियमितता के संबंध में समय समय प्राप्त सभासद गणों के शिकायती पत्रों के क्रम में शासन संख्या-1/17465/2022 दिनांक 03.02.2022 पत्र संख्या-1 / 33605 / 2022 दिनांक 09. 05.2022 तथा अनुस्मारक पत्र संख्या – 1 / 39049 / 2022 दिनांक 31.05.2022 एवं पत्र दिनांक 21.06.2022 के क्रम में जिलाधिकारी, उत्तरकाशी द्वारा पत्र संख्या-285 / सी०पी०ओ० डी०एस-2022 दिनांक 08.07.2022 द्वारा जांच आख्या शासन को उपलब्ध करायी गई। उक्त जांच आख्या के आधार पर श्री हरिमोहन नेगी, अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला को शासन के पत्र संख्या – 1 / 91309/2023, दिनांक 16.01.2023 द्वारा कारण बताओ नोटिस निर्गत किया गया। जिसके क्रम में अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला द्वारा अपना लिखित अभिकथन दिनांक 07.02.2023 को शासन को उपलब्ध कराया गया । तत्क्रम में शासन के पत्र संख्या – I / 111429 / 2023, दिनांक 31.03.2023 द्वारा निदेशक, शहरी विकास निदेशालय को नगर पंचायत पुरोला में बरती गयी अनियिमितता के संबंध में श्री हरिमोहन सिंह नेगी, अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला के अभिकथन दिनांक 07.02.2023 तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर सुस्पष्ट आख्या उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। जिसके क्रम में निदेशक, शहरी विकास निदेशालय द्वारा दिनांक 16.07.2023 को अपनी आख्या शासन को उपलब्ध करायी गई।

2- जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच आख्या अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला के अभिकथन दिनांक 07.02.203 तथा निदेशक, शहरी विकास निदेशालय की आख्या दिनांक 16.07.2023 के क्रम में अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला के विरूद्ध निम्नवत आरोप हैं:- आरोप संख्या-01

नगर पंचायत पुरोला में राज्य वित्त 15वा वित्त, अवस्थापना विकास निधि इत्यादि मदों के तहत कराये गये कार्यों में अनियिमतता बरती गई । जिलाधिकारी उत्तरकाशी की जांच आख्या:-

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच में नगर पंचायत पुरोला में राज्य वित्त 15वाँ वित्त अवस्थापना विकास निधि इत्यादि मदों के तहत कराये गये विभिन्न निर्माण कार्यों में कतिपय कार्यों में माप पुस्तिका का न होना व कतिपय कार्यों में स्वीकृत कार्य के सापेक्ष अधिक भुगतान किया जाना पाया गया है।

अध्यक्ष, नगर पंचायत पुरोला का अभिकथनः-

उक्त आरोप के संबंध में श्री हरिमोहन नेगी, अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला द्वारा अपने लिखित अभिकथन दिनांक 07.02.2023 में उल्लेख किया गया है कि नगर पंचायत पुरोला के बोर्ड में पारित प्रस्तावों एवं मा० सभासदों द्वारा समय-समय पर अपने पत्रों के माध्यम से विभिन्न निर्माण कार्यो को किये जाने की संस्तुति पर ही नियमानुसार निर्माण नहीं किया गया।

कार्य करवाये गये। जिसमें सरकारी धन का किसी भी प्रकार से दुरूपयोग नहीं हुआ। राज्य वित्त 15वा वित्त अवस्थापना विकास निधि इत्यादि मदों के तहत कराये गये कार्यो की माप पुस्तिका उपलब्ध कराई गई है। शहरी विकास निदेशालय का अभिमतः-

नगर पंचायत पुरोला, में राज्य वित्त 15वा वित्त, अवस्थापना विकास निधि इत्यादि मदों के तहत कराये गये कार्यों में वार्ड नं01 में खण्डूरी के घर के नीचे आम रास्ते की सुरक्षा दीवार व विधायक निधि वार्ड नं0 2 में इण्टर कालेज जाने वाले रास्ते का समतलीकरण कार्य में उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावाली 2017 का उल्लंघन, वार्ड नं0-1 में खेल मैदान एवं शौचालय निर्माण व विधायक निधि वार्ड नं0 2 में इण्टर कालेज जाने वाले रास्ते का समतलीकरण में कार्य के सापेक्ष अधिक भुगतान, वार्ड नं0 2 में मोटर मार्ग रोड से केन्द्र सिंह के घर तक रास्ता व नाली निर्माण वार्ड नं0 03 जल संस्थान से लोनिवि कालौनी होते हुए मोटर रोड तक नाली व रास्ते का नवनिर्माण, वार्ड नं0 5 राजेन्द्र के घर से कुमोला खण्ड तक रास्ता एवं नाली निर्माण व वार्ड नं0 7 में सड़क में अनु0 जाति कालोनी तक सी०सी० मार्ग टाईल्स का निर्माण कार्य में ठेकेदारों को बिना बैंक गारण्टी के अग्रिम भुगतान किये जाने से शासकीय धन की क्षति तथा वार्ड नं0 3 में मोटर रोड से केन्द्र सिंह के घर तक सी०सी० मार्ग व नाली व सुरक्षा दीवार कार्य, वार्ड नं 3 जी०एम०वी० एन से पी0डब्ल्यू0डी० कालोनी तक सी०सी० निर्माण कार्य में एक ही कार्य को पृथक पृथक मदों से भुगतान किया जाना पाया गया है। निष्कर्ष:-

नगर पंचायत पुरोला में राज्य वित्त 15वा वित्त अवस्थापना विकास निधि इत्यादि मदों के तहत कराये गये विभिन्न निर्माण कार्यों में बरती गयी अनियमतता के संबंध में श्री हरिमोहन नेगी का अभिकथन / प्रत्यत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया है। अतः राज्य वित्त 15वाँ वित्त अवस्थापना विकास निधि इत्यादि मदों के तहत कराये गये विभिन्न निमार्ण कार्यों में उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावाली, 2017 का उल्लंघन, स्वीकृत कार्य के सापेक्ष अधिक भुगतान, ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान किये जाने से शासकीय धन की क्षति, एक ही कार्य को पृथक पृथक मदों से भुगतान किया किये जाने हेतु अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला दोषी सिद्ध होते हैं। आरोप संख्या-02

यह कि दिनांक 14.12.2020 को आहूत बोर्ड बैठक के प्रस्ताव पर नगर पंचायत के अभिलेखों की कटिंग / ओवरईटिंग की गई। जिलाधिकारी उत्तरकाशी की जांच आख्याः

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच आख्या में उल्लेख किया गया है कि बोर्ड द्वारा दिनांक 14.12.2020 को आयोजित बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किये गये है। जिसे लाल स्याही द्वारा क्रास करते हुये काटा गया। तथा पृष्ठ में यह अंकित किया गया कि उक्त दोनो प्रस्ताव के सुव्यवस्थित रूप से पृष्ठ संख्या-36 के अग्रभागों में व्यवस्थित रूप से कार्ययोजना अंकित हेतु बैठक सर्वसम्मति से लिखने के आदेशों को पुनः लिखा गया। जिलाधिकारी की उत्तरकाशी की जांच आख्या में दिनांक 14.12.2020 में बोर्ड के हस्ताक्षरित प्रस्ताव को काटना नियमानुसार नहीं पाया गया है।

अध्यक्ष, नगर पंचायत पुरोला का अभिकथनः-

श्री हरिमोहन नेगी अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला, उत्तरकाशी द्वारा अपने लिखित अभिकथन दिनांक 07.02.2023 में उल्लेख किया गया है कि आयोजित बोर्ड बैठक में मा० सभासदों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को कार्यवाही पंजिका में लिखने वाले कर्मचारी द्वारा बिना पूर्ण विराम, पैराग्राफ तथा क्रमांक का उपयोग किये बिना अव्यवस्थित रूप से लिख गये थे। सर्वसम्मति से पारित प्रस्तावों को सहमति उपरान्त सभी सदस्यों की सहमति के पश्चात अगले पृष्ठ पर सूचीबद्ध तरीके से पुनः पारित प्रस्तावों को लिखा गया । प्रस्तावों को सुव्यवस्थित एवं सूचीबद्ध करके प्रस्तावित विषयवस्तु को परिवर्तित किये बिना, अगले पृष्ठ पर लिखना और उक्त प्रस्ताव को आगामी बैठक में सर्वसहमति से पुष्टि किया जाना किसी प्रकार की अनियमितता की श्रेणी में नही आता है। शहरी विकास निदेशालय का अभिमतः-

दिनांक 14.12.2020 को आयोजित बोर्ड बैठक में श्रीमती धनवीरी चौहान के अतिरिक्त बोर्ड के समस्त सदस्यो द्वारा बैठक में प्रतिभाग किया गया। बैठक में 03 (तीन) प्रस्ताव पारित किये गये। जिसमें श्रीमती धनवीरी चौहान (सदस्य) के अतिरिक्त समस्त बोर्ड सदस्यों द्वारा बैठक समाप्ति की घोषणा के सम्बन्ध में कार्यवृत्त पुस्तिका के पृष्ठ संख्या 36 (61) पर प्रमाणित किया गया है। कार्यवृत्त पुस्तिका के पृष्ठ 60 के अवलोकन से विदित होता है कि प्रस्ताव संख्या 02 एवं 03 को लाल पेन से काटा गया है, व उसके हाशिया में अंकित किया गया है कि “उक्त दोनो प्रस्तावों को सुव्यवस्थित रूप से पृष्ठ संख्या 36 के अग्रभागों में व्यवस्थित रूप से कार्य योजना गठित हेतु बैठक में सर्वसहमति से लिखने के आदेश पर पुनः लिखा गया। नगर पंचायत पुरोला के बोर्ड प्रस्ताव को काटा जाना तथा बोर्ड बैठक में पारित संकल्पों की सूचना / कार्यवृत्त विहित अधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट, शहरी विकास निदेशालय को प्रेषित नहीं किये गये। जो कि नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा 94 का उल्लंघन किया जाना पाया गया है। निष्कर्षः

नगर पंचायत पुरोला में दिनांक 14.12.2020 को आहूत बोर्ड बैठक के प्रस्ताव पर नगर पंचायत के अभिलेखों की कटिंग / ओवरराइटिंग किये जाने के संबंध में अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला का अभिकथन / प्रत्युत्तर दिनांक 07.02.2023 को संतोषजनक नहीं पाया गया है। तथा बोर्ड बैठक के प्रस्ताव को काटा जाने तथा बोर्ड बैठक में पारित संकल्पों की सूचना / कार्यवृत्त विहित अधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट शहरी विकास निदेशालय को प्रेषित नहीं किये गये पर नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा 94 का उल्लंघन किया जाना पाया गया है।

आरोप संख्या-03

कोविड-19 के दौरान रू0 26.25 लाख से अधिक की सामग्री का क्रय / भुगतान किया गया।

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच आख्या:-

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच आख्या में उल्लेख किया गया कि कोविड-19 हेतु कुल रू0 26,26,531.00 मात्र का क्रय किया गया। क्रय की गई सामग्री के वितरण का कोई अभिलेख समिति के सम्मुख प्रस्तुत नहीं किया गया।

अध्यक्ष, नगर पंचायत पुरोला का अभिकथनः

उक्त आरोप के संबंध में श्री हरिमोहन नेगी, अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला द्वारा अपने लिखित अभिकथन दिनांक 07.02.2023 में उल्लेख किया गया है कि निकाय द्वारा वैश्विक महामारी में कोविड-19 से सुरक्षा हेतु बचाव सामग्री क्रय की गयी निकाय द्वारा वैश्विक महामारी में कोविड-19 से सुरक्षा हेतु बचाव सामग्री कय की गयी। जिलाधिकारी महोदय के पत्रांक-4945, दिनांक 25 मई, 2021 के निर्देशानुसार उप जिलाधिकारी, पुरोला को नगर पंचायत, पुरोला क्षेत्रान्तर्गत कोविड-19 में राहत एवं बचाव कार्य पर हुये व्यय धनराशि के भौतिक एवं वास्तविक सत्यापन बाबत समिति गठित करने के निर्देश दिये गये थे उप जिलाधिकारी, पुरोला के द्वारा गठित समिति के सदस्यों की संयुक्त आख्या जिसमें कोविद बचाव सामग्री के वास्तविक एवं औचित्यपूर्ण व्यय राशि भुगतान की संस्तुति की गई थी और सत्यापन किया गया था, के आधार पर ही उप जिलाधिकारी, पुरोला के द्वारा 27.05.2022 को पारित आदेशानुसार नगर पंचायत, पुरला को धनराशि भुगतान किये जाने की स्वीकृति की गयी थी शहरी विकास निदेशालय का अभिमतः-

अभिलेखीय साक्ष्यों के अनुसार कोविड 19 महामारी के दौरान नगर पंचायत, पुरोला को मा० मुख्यमंत्री राहत कोष से उप जिला अधिकारी के माध्यम से दिनांक 25-05-2021 को रू0 10.00 लाख, एस०डी०आर०एफ० मद से दिन के 01-05-2021 रू० 5.00 लाख तथा जिलाधिकारी के द्वारा दिनांक 19-07-2020 को रू0 5.00 लाख तथा शहरी विकास निदेशालय से रू0 6.00 लाख कुल रू0 26.00 लाख की धनराशि नगर पंचायत, पुरोला को प्राप्त हुई।

उक्त के संबंध में भुगतान सम्बन्धी बाउचर का अवलोकन किया गया जिससे ज्ञात हुआ कि उपरोक्त धनराशि के प्रयोग में नगर पंचायत, पुरोला द्वारा सामग्रियों के अधिप्राप्ति में कोटेशन व निविदा के माध्यम से नहीं किया गया जिससे स्पष्ट है कि तत्समय नगर पंचायत, पुरोला द्वारा सामग्रियों की अधिप्राप्ति में उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 का अनुपालन नहीं किया गया था। निष्कर्ष:

कोविड-19 के दौरान रू० 26.25 लाख से अधिक की सामग्री का क्रय / भुगतान के संबंध में अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला का अभिकथन / प्रत्युत्तर दिनांक 07.02.2023 को संतोषजनक नहीं पाया गया है। कोविड-19 के महामारी के दौरान सामग्री क्रय करने में उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली का उल्लंघन किया जाना पाया गया है।

आरोप संख्या-04

नगर पंचायत पुरोला में अध्यक्ष द्वारा नगर पंचायत में 04 कार्मिकों को आउटसोर्स

के माध्यम से तैनात किया गया।

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की आख्या :

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच आख्या में उल्लेख किया गया है कि शासन के पत्रांक- 759, दिनांक 12 जून 2015 के बिन्दु संख्या – 05 के अनुसार अकेन्द्रीकृत सेवा हेतु नगर पंचायतों के अन्तर्गत नियमित नियुक्ति होने तक आवश्यकतानुसार स्वीकृत पदों की सीमा तक शासन द्वारा निर्धारित आउटसोसिंग एजेन्सी आदि के माध्यम से निकाय अपनी वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत तैनात करेगा। उत्तराखण्ड शासन के उक्त शासनादेश के

UU3-1/1.5/6/2022-IV-3-Urban Development Department

2778/2023

आरोप संख्या-05:

यह कि विद्युतीकरण के नाम पर लाखों का फर्जीवाड़ा किया गया है दिनांक 30. 09.2020 की बोर्ड बैठक में उल्लेख है कि विद्युतीकरण कार्य समाचार पत्रों में निविदा की विज्ञप्ति प्रकाशित कर अनुबन्ध गठित करवायी जाए। सभासदों के पारित आदेशों के विपरीत अध्यक्ष एवं ई०ओ० ने अवैध तरीके के लाखों रू० की धनराशि का निजी हित में उपयोग कर गोलमोल किया गया है, जबकि विद्युतीकरण का अनुबन्ध 2017 में गठित हो चुका था तथा ठेकेदार का पूरा भुगतान अभी तक देना शेष है।

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच आख्याः

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच आख्या में उल्लेख किया गया है कि नगर पंचायत की दिनांक 30.09.2019 की बैठक के प्रस्ताव संख्या-09 में यह निर्णय लिया गया है कि पथ प्रकाश हेतु आगणन गठित कर विज्ञप्ति के उपरान्त अनुबन्ध गठित कर पथ प्रकाश की व्यवस्था की जाये। अभिलेखों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि दिनांक 26.12. 2018 को कोटेशन के माध्यम से इस स्ट्रीट लाईटें कय करने के आदेश पारित किये गये है। दिनांक 14.01.2019 को इलैक्ट्रिक फर्म को रू0 551300.00 मात्र का भुगतान किया गया है। इलैक्ट्रिक फर्म को किये गये अन्य भुगतानों की धनराशि रू0 250000.00 मात्र से कम है। समिति का मन्तव्य है कि अधिप्राप्ति नियमावली के दृष्टिगत किये गये समस्त भुगतानों का विशेष वित्तीय अंकेक्षण किया जाना समीचीन होगा।

अध्यक्ष, नगर पंचायत पुरीला का अभिकथनः

उक्त आरोप के संबंध मे अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला द्वारा अपने अभिकथन दिनांक 07.02.2023 में उल्लेख किया गया है कि पूर्व बोर्ड द्वारा उक्त कार्य मुख्यमंत्री घोषणा संख्या- 131 / 2016 से सम्बन्धित है। जिस हेतु रू0 47.54 लाख के गठित अनुबंध के सापेक्ष शासन द्वारा अवमुक्त धनराशि रू0 10.00 लाख के सापेक्ष रू0 10.00 लाख का ही भुगतान निकाय द्वारा किया गया है। उक्त घोषणा की पूर्ति करने हेतु शासन के पत्र संख्या-810 दिनांक 06 अगस्त, 2018 एवं संख्या-836 दिनांक 10 अगस्त, 2018 में निर्देश दिये गये कि उक्त अवशेष धनराशि को निकाय राज्य एवं केन्द्र वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली धनराशि से अवशेष कार्य कराना सुनिश्चित करें।

नवगठित बोर्ड की प्रथम बोर्ड बैठक दिनांक 07.01.2019 के प्रस्ताव संख्या-7 में सर्वसहमति से निर्णय लिया गया है कि 14वें वित्त के अनुदान से पथ प्रकाश की व्यवस्था हेतु 3.20 लाख की व्यवस्था की जाये। निकाय के बोर्ड बैठक दिनांक 30.09.2019 के प्रस्ताव संख्या-09 में सर्वसहमति से निर्णय लिया गया है कि पथ प्रकाश की उचित व्यवस्था हेतु नगर के समस्त वार्डों में सर्वे के उपरान्त कुल लाईटों / पथ प्रकाश का आगणन / डी०पी०आर० गठित कर विज्ञप्ति के उपरान्त अनुबन्ध कर नगर पंचायत क्षेत्रान्तर्गत पथ प्रकाश की व्यवस्था को सुधारा जाये और इस कार्य हेतु भुगतान किश्तवार 14वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से किया जाये। उक्त कार्य का डी०पी०आर० / आगणन गठित नहीं हो पाया।

निकाय में विद्युतीकरण / पथ प्रकाश की व्यवस्था को सुचारू किया जाना अति आवश्यक था। पथ प्रकाश की आपातकालीन स्थिति एवं अव्यवस्था को देखते हुये निकाय द्वारा कोटेशन / अल्पकालीन निविदा के माध्यम से एल0ई0डी० स्ट्रीट लाईटें क्रय की गई । शहरी विकास निदेशालय का अभिमतः-

UD3-1/1.5/6/2022-IV-3-Urban Development Department

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अनुसार नगर पंचायत श्रेणी-2 (नगर पंचायत, पुरोला) में 190 / 385 नग बहुउद्देशीय निकाय कर्मी रखे जा सकते हैं। उक्त शासनादेश के अनुपालन में नगर पंचायत, पुरोला द्वारा पत्रांक- 122, दिनांक 22.08.2019 के द्वारा 04 स्वयं सेवकों की तैनाती की गयी एवं नगर पंचायत, पुरोला के पत्रांक- 221, दिनांक 22.10.2020 के द्वारा कमजोर आर्थिक स्थिति होने के कारण उक्त 04 स्वयं सेवकों को पदमुक्त किया गया है। अध्यक्ष, नगर पंचायत पुरोला का अभिकथनः

उक्त आरोप के संबंध में अध्यक्ष नगर पंचायत गुरोला द्वारा अपने प्रत्युत्तर दिनांक 07.02.2023 में उल्लेख किया गया है कि कार्यालय में स्थायी कर्मचारियों के अभाव के कारण आउटसोर्सिग के माध्यम से प्रान्तीय रक्षक दल, उत्तरकाशी से नियमानुसार तथा निर्धारित ढांच के अन्तर्गत नियुक्तियां की गयी थी, निकाय की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के कारण कर्मचारियों को पदमुक्त कर दिया गया था। उक्त लगाये गये एवं हटाये। कर्मचारियों में से मेरा कोई रिश्तेदार नहीं था ।

शहरी विकास निदेशालय का अभिमतः

आरोप संख्या-06: ईधन का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है। अध्यक्ष जी का कांग्रेस अपने चहेतों एंव रिश्तेदारों की शादियों में ईंधन भरवाकर बिल नगर पंचायत के नाम फाडा जाता है जिलाधिकारी उत्तरकाशी की जांच आख्या:

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की आख्या में उल्लेख किया गया है कि नगर पंचायत द्वारा प्रयुक्त की जाने वाले वाहनों में से वाहन संख्या – UK 10GA0068, UK10CA0546, UK10CA0835 की लॉग बुक प्रस्तुत की गयी है। जबकि शिकायतकर्ता द्वारा वाहन / मशीनों की सूची दी गयी है। नगर पंचायत, पुरोला द्वारा अवगत कराया गया है कि राजकीय वाहन निकाय के अन्य कार्यों में व्यवस्तता के कारण समय-समय पर राजकीय कार्यों के सम्पादन हेतु अतिआवश्यक कार्यों हेतु निजी वाहनों का प्रयोग किया गया है, जिस हेतु वाहन संख्या यू0के0 07 टीए / 9888 9398 0439 का प्रयोग किया गया है एवं वाहन संख्या 0333 मा० अध्यक्ष महोदय द्वारा राजकीय कार्यों के सम्पादन हेतु प्रयोग किया जाता है, जिस कारण से उक्त वाहनों में डीजल / पेट्रोल निर्गत किया गया है। जांच में पाया गया कि उपरोक्त निजी वाहनों में नगर पंचायत, पुरोला द्वारा ईंधन भरवाया गया है। निजी वाहनों में ईंधन भरवाने का कोई प्राविधान नहीं है। अध्यक्ष, नगर पंचायत पुरोला का अभिकथनः-

UD3-1/1.5/6/20zz-IV-3-Urban Development Department

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उक्त आरोप के संबंध में अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला द्वारा अपने लिखित अभिकथन दिनांक 07.02.2023 में उल्लेख किया गया है कि नये बोर्ड का गठन दिनांक 02.12.2018 को हुआ था तत्समय में निकाय में राजकीय कार्य सम्पादन हेतु उपयोग योग्य वाहन उपलब्ध न होने के कारण स्वयं मेरे द्वारा निदेशक, शहरी विकास निदेशालय, उत्तराखण्ड को पत्र संख्या – 104, दिनांक 15.12.2018 द्वारा निकाय हेतु राजकीय कार्य सम्पादन करने हेतु एक वाहन कय किये जाने की मांग की गयी है। जिसकी स्वीकृति / अनुमति आतिथि तक प्राप्त नहीं हो पायी है। निदेशक, शहरी विकास के पत्र संख्या – 4527, दिनांक 09 जनवरी 2019 से प्राप्त निर्देशों के क्रम में स्वयं मेरे द्वारा पत्र संख्या – 155 दिनाक 22.01. 2019 के माध्यम से सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी उत्तरकाशी को विभागीय वाहन संख्या- UK 10GA0068 को निष्प्रयोज्य घोषित करने के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित किया गया। उक्त अनुरोध करने के पश्चात् भी निकाय को वाहन उपलब्ध नहीं हो पाया, तब मुझे विवश होकर अपने वाहन का ही राजकीय कार्यों के निर्वहन हेतु विशेष परिस्थितियों में निकाय हित एवं जनहित में उपयोग करना पड़ा। मेरे द्वारा निकाय को किसी भी प्रकार का अलग से किराये एवं मरम्मत हेतु देयक प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे मुझे व्यक्तिगत रूप से आर्थिक हानि ही हुई है। वाहन सं0-9398 तत्कालीन अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत, पुरोला का निजी वाहन है, निकाय द्वारा अवगत करवाया गया है, कि उक्त वाहन का उपयोग विभागीय वाहन के उपयोग योग्य न होने के कारण अधिशासी अधिकारी द्वारा राजकीय कार्यों को सम्पादन करने में उक्त निजी वाहन का उपयोग जनहित में किया गया है।

शहरी विकास निदेशालय का अभिमत: नगर पंचायत, पुरोला द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के अनुसार वाहन

संख्या – UK 10GA0068, UK10CA 0546, UK 10CA 0835 राजकीय वाहन हैं। उक्त के अतिरिक्त अभिलेखों के अनुसार नगर पंचायत, पुरोला द्वारा वाहन संख्या-9888, 9398. 0439 तथा मा० अध्यक्ष द्वारा प्रयोग में लाई गयी व्यक्तिगत वाहन संख्या यूके 07 डी०बी० 0333 तथा कुछ अन्य वाहनों में समय-समय पर डीजल / पेट्रोल भरवाया गया था। उपरोक्त अशासकीय वाहनों के अतिरिक्त एक और अशासकीय वाहन संख्या यू0के0 07 सी०ए० 2020 को किराये के रूप में जुलाई 2020 से सितम्बर, 2021 तक की अवधि हेतु रू0 9,232 लाख का भुगतान किया गया। इस संबंध में निदेशालय / शासन से न तो कोई अनुमति प्राप्त की गयी है और न ही निदेशालय / शासन के संज्ञान में लाया गया है। उपरोक्त अशासकीय / व्यक्तिगत वाहनों में किन कारणों से समय-समय पर ईंधन भरवाया गया। इसका विवरण नगर पंचायत पुरोला द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया। नगर पंचायत, पुरोला का उपरोक्त कृत्य उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 की सुसंगत धाराओं का उल्लघंन है व इससे नगर पंचायत, पुरोला को रू0 117382.00 की वित्तीय हानि हुई है।

निष्कर्ष:-

उक्त आरोप के संबंध में अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला का अभिकथन / प्रत्युत्तर दिनांक 07.02.2023 को संतोषजनक नहीं पाया गया है। निजी वाहनों में ईंधन भरवाये जाने से नगर पंचायत को वित्तीय हानि हुई तथा उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावाली का उल्लंघन किया जाना पाया गया है।

गया है।

आरोप संख्या-05: ईंधन का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है अध्यक्ष जी का कांग्रेस अपने चहेतों एंव रिश्तेदारों की शादियों में ईंधन भरवाकर बिल नगर पंचायत के नाम फाड़ा जाता है जिलाधिकारी उत्तरकाशी की जांच आख्याः

जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की आख्या में उल्लेख किया गया है कि नगर पंचायत द्वारा प्रयुक्त की जाने वाले वाहनों में से वाहन संख्या – UK 10GA0068, UK10CA0546, UK10CA0835 की लॉग बुक प्रस्तुत की गयी है। जबकि शिकायतकर्ता द्वारा वाहन / मशीनों की सूची दी गयी है। नगर पंचायत, पुरोला द्वारा अवगत कराया गया है कि राजकीय वाहन निकाय के अन्य कार्यों में व्यवस्तता के कारण समय समय पर राजकीय कार्यों के सम्पादन हेतु अतिआवश्यक कार्यों हेतु निजी वाहनों का प्रयोग किया गया है, जिस हेतु वाहन संख्या- यू0के0 07टीए / 9888 93980439 का प्रयोग किया गया है एवं वाहन संख्या 0333 मा० अध्यक्ष महोदय द्वारा राजकीय कार्यों के सम्पादन हेतु प्रयोग किया जाता है, जिस कारण से उक्त वाहनों में डीजल / पेट्रोल निर्गत किया गया है। जांच में पाया गया कि उपरोक्त निजी वाहनों में नगर पंचायत पुरोला द्वारा ईंधन भरवाया गया है। निजी वाहनों में ईंधन भरवाने का कोई प्राविधान नहीं है।

अध्यक्ष, नगर पंचायत पुरोला का अभिकथन-

उक्त आरोप के संबंध में अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला द्वारा अपने लिखित अभिकथन दिनांक 07.02.2023 में उल्लेख किया गया है कि नये बोर्ड का गठन दिनांक 02.12.2018 को हुआ था। तत्समय में निकाय में राजकीय कार्य सम्पादन हेतु उपयोग योग्य वाहन उपलब्ध न होने के कारण स्वयं मेरे द्वारा निदेशक, शहरी विकास निदेशालय, उत्तराखण्ड को पत्र संख्या – 104, दिनांक 15.12.2018 द्वारा निकाय हेतु राजकीय कार्य सम्पादन करने हेतु एक वाहन कय किये जाने की मांग की गयी है। जिसकी स्वीकृति / अनुमति आतिथि तक प्राप्त नहीं हो पायी है। निदेशक, शहरी विकास के पत्र संख्या-4527 दिनांक 09 जनवरी 2019 से प्राप्त निर्देशों के क्रम में स्वयं मेरे द्वारा पत्र संख्या-155, दिनांक 22.01. 2019 के माध्यम से सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी उत्तरकाशी को विभागीय वाहन संख्या – UKIOGA0068 को निष्प्रयोज्य घोषित करने के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित किया गया। उक्त अनुरोध करने के पश्चात् भी निकाय को वाहन उपलब्ध नहीं हो पाया, तब मुझे विवश होकर अपने वाहन का ही राजकीय कार्यों के निर्वहन हेतु विशेष परिस्थितियों में निकाय हित एवं जनहित में उपयोग करना पड़ा। मेरे द्वारा निकाय को किसी भी प्रकार का अलग से किराये एवं मरम्मत हेतु देयक प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे मुझे व्यक्तिगत रूप से आर्थिक हानि ही हुई है। वाहन सं0-9398 तत्कालीन अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत, पुरोला का निजी वाहन है, निकाय द्वारा अवगत करवाया गया है, कि उक्त वाहन का उपयोग विभागीय वाहन के उपयोग योग्य न होने के कारण अधिशासी अधिकारी द्वारा राजकीय कार्यों को सम्पादन करने में उक्त निजी वाहन का उपयोग जनहित में किया गया है।

शहरी विकास निदेशालय का अभिमतः

नगर पंचायत, पुरोला द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के अनुसार वाहन संख्या – UK10GA0068, UK 10CA 0546, UK 10CA 0835 राजकीय वाहन हैं। उक्त के अतिरिक्त अभिलेखों के अनुसार नगर पंचायत पुरोला द्वारा वाहन संख्या-9888, 9398. 0439 तथा मा० अध्यक्ष द्वारा प्रयोग में लाई गयी व्यक्तिगत वाहन संख्या यू०के० 07 डी०बी० 0333 तथा कुछ अन्य वाहनों में समय-समय पर डीजल / पेट्रोल भरवाया गया था। उपरोक्त अशासकीय वाहनों के अतिरिक्त एक और अशासकीय वाहन संख्या यू0के0 07 सी०ए० 2020 को किराये के रूप में जुलाई 2020 से सितम्बर, 2021 तक की अवधि हेतु रू0 9.232 लाख का भुगतान किया गया। इस संबंध में निदेशालय / शासन से न तो कोई अनुमति प्राप्त की गयी है और न ही निदेशालय / शासन के संज्ञान में लाया गया है। उपरोक्त अशासकीय / व्यक्तिगत वाहनों में किन कारणों से समय- समय पर ईंधन भरवाया गया। इसका विवरण नगर पंचायत पुरोला द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया। नगर पंचायत, पुरोला का उपरोक्त कृत्य उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 की सुसंगत धाराओं का उल्लघंन है व इससे नगर पंचायत, पुरोला को रू0 117382.00 की वित्तीय हानि हुई है।

निष्कर्ष:-

उक्त आरोप के संबंध में अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला का अभिकथन / प्रत्युत्तर दिनांक 07.02.2023 को संतोषजनक नहीं पाया गया है। निजी वाहनों में ईंधन भरवायें जाने से नगर पंचायत को वित्तीय हानि हुई तथा उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावाली का उल्लंघन किया जाना पाया गया है।

निर्णय

इस प्रकार जिलाधिकारी, उत्तरकाशी की जांच आख्या तथा श्री हरिमोहन नेगी, अध्य क्ष नगर पंचायत पुरोला के लिखित अभिकथन एवं शहरी विकास निदेशालय की आख्या के आलोक में नगर पालिका अधिनियम 1916 ( उत्तराखण्ड में यथाप्रवृत्त तथा समय-समय पर यथासंशोधित) की धारा-48 ( 2 ) (क) व धारा-48 ( 2 ) (ख) के उपखण्ड ( 6 ) (7) (9) (10) व अधिनियम की धारा 94 तथा उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, 2017 ( यथासंशोधित) के उल्लंघन किये जाने पर श्री हरिमोहन नेगी, अध्यक्ष नगर पंचायत पुरोला उत्तरकाशी को नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा-48 के सुसंगत प्रावधानों के तहत उनके पद से हटाते हुये नगर पंचायत पुरोला के अध्यक्ष पद को एतद्द्वारा रिक्त घोषित किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं ।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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