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उत्तराखंड: बार-बार डोल रही धरती, जानें कहां से कहां तक फैला है बड़ा खतरा, पढ़ें ये रिपोर्ट

देहरादून: राज्य में पिछले तीन दिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। बागेश्वर जिले में रात 12 बजकर 6 मिनट 17 सेकेंड पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.5 मापी गई। भूकंप का केंद्र सतह से करीब 10 किलोमीटर नीचे रहा।

सोमवार की शाम को भी 7 बजकर 20 मिनट 28 सेकेंड पर पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.8 मापी गई। इसका केंद्र भी सतह से करीब 10 किलोमीटर नीचे रहा।

इसके अलावा रविवार 16 जनवरी को भी चमोली में सुबह 3.35 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गये, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र चमोली के जोशीमठ से पश्चिम की ओर 23 किलोमीटर दूर और सतह से करीब 5 किलोमीटर नीचे था।

गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक लगातार 3 दिन भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत का माहौल है। बता दें कि, चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी भूकंप के लिहाजा से काफी संवेदनशील हैं। यहां अलग-अलग हिस्सों में समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं। हालांकि, हाल में आये भूकंप के झटकों से अभी तक कोई जनहानि की सूचना नहीं मिली है।

उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से लगातार छोटे-छोटे भूकम्प के झटके महसूस होते रहे हैं। लेकिन भू वैज्ञानिक लगातार एक बड़े भूकंप के बारे में भी बार-बार चेतावनी दे रहे हैं। ऐसे में अलर्ट रहने की आवश्यकता है। बता दें कि भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। उत्तराखंड भूकंप के जोन 5 में आता है।

वैज्ञानिकों ने भविष्य में उत्तराखंड में भारी भूकंप की चेतावनी दी है जो कि बड़ी तबाही ला सकती है। नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट और अलकनंदा फॉल्ट में हर वर्ष भूगर्भीय हलचल से साढ़े 4 मिमी धरती उठ रही है। यह भविष्य में 8 रिक्टर स्केल तक का बड़ा भूकंप ला सकता है। भूगर्भीय सक्रियता के कारण श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच धरातल प्रति वर्ष 4 मिलीमीटर उठ रहा है।

भू-वैज्ञानिकों का कहना है नॉर्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट रुद्रप्रयाग श्रीनगर से होकर टिहरी झील से होते हुए उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ से होते हुए टौंस नदी तक फैला हुआ है। इसमें हो रही भूगर्भीय हलचलों की वजह से उत्तराखंड में भविष्य में भारी तबाही मच सकती है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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