देहरादून: नेताओं का जुबान से पलट जाना और बयान वापस लेना आम बात है। जनता की भावनाओं से खेलना उनके लिए कोई नई बात नहीं हैं। राज्य में पिछले कुछ दिनों से लगातार मुफ्त बिजली को लेकर हल्ला मचा हुआ है। हरक सिंह रावत ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया था। उसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस उन पर हमलावर हो गई थी।
इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद्र केजरीवाल को दिल्ली से उड़ान भरकर देहरादून आना पड़ा। उन्होंने यहां आकर 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान कर दिया। कांग्रेस के सीनियर लीडर हरीश रावत ने भी कहा था कि सरकार बनने के पहले साल 100 और दूसरे साल 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। मुफ्त बिजली मामले को 2022 का चुनावी मुद्दा बनते देख अब हरक सिंह रावत ने अपने बयान से पलटी मार दी है।
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने मीडिया से रुबरू होते हुए भविष्य की रणनीति 100 यूनिट फ्री बिजली की बात सामने रखी, हरक ने कहा कि अगर 2022 में दोबारा भाजपा सरकार सत्ता में आती है, उन्हें ऊर्जा विभाग मिलता है तो वह अगले तीन-चार सालों में घरेलू बिजली पूरी तरह से फ्री कर देंगे।
वह ऊर्जा विभाग का लाभांश इतना बढ़ा देंगे कि आसानी से लोगों को फ्री बिजली मिलने लगेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल का प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है, वह झूठ की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने हरीश रावत पर भी निशाना साधा और कहा कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब अपने कार्यकाल में इस योजना को क्यों लागू नहीं किया।
हरक सिंह रावत ने कहा घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा नहीं की थी, केवल विभाग को प्रस्ताव बनाने को कहा था। विभाग प्रस्ताव बना रहा है, इस पर फैसला कैबिनेट को करना है। पिछले सप्ताह ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने ऊर्जा भवन में तीनों ऊर्जा निगमों के अधिकारियों की बैठक ली थी।
बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह प्रदेश में करीब 13 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए हर महीने फ्री बिजली की योजना लेकर आ रहे हैं। इसके तहत हर महीने 100 यूनिट बिजली बिल वालों से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा, जबकि 100 से 200 यूनिट बिजली वालों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।