देहरादून : देशभर में कोरोना वायरस का कहर जमकर बरप रहा है। देश का शायद ही ऐसा कोई राज्य होगा, जहां कोरोना ने दस्तक नहीं दी और लोगों को दहशत में नहीं डाला हो। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बहुत तेजी से कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ दिन-रात एक कर कोरोना वायरस पर नियंत्रण का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके विधायक और उत्तराखंड सरकार के बिगड़ैल अधिकारी को इतनी भी अक्ल नहीं कि बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भी वहां जाने की अनुमति लेने-देने लगे हैं।
केवव पास ही नहीं दिया विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनका काफिला बद्रीनाथ के लिए रवाना होकर चमोली तक पहुंच भी गया। शर्म की बात यह है कि विधायक को उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बाकायदा पास जारी किया और जब यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके काफिले को चमोली के एसडीएम ने रोका तो उनको ही पाठ पढ़ाने लगे। इतना ही नहीं एसडीएम के साथ बदसलूकी पर भी उतर आए। अमनमणि त्रीपाठी के पिता अमरमणि त्रिपाठी हत्याकांड मेंं सजायाफ्ता हैं।
अब सवाल यह है कि क्या त्रिवेंद्र सरकार अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश पर कार्यवाही करेगी या फिर उनको ऐसे ही छोड़ दिया जाएगा ? अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को ऐसे भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का करीबी माना जाता है। संकट काल में इस तरह से गाड़ियों के काफिले को यूपी से आकर बद्रीनाथ जाने की अनुमति देना बड़ी लापरवाही तो है ही, बहुत बड़ा खतरा भी साबित हो सकता है। इतनी गंभीर स्थितियों के बावजूद भी सरकार में अपर मुख्य सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे आईएएस अधिकारी ने इतना घटिया निर्णय लिया कैसे ले लिया ये भी बड़ा सवाल है ?
सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य की सीमाएं दूसरे प्रदेशों से आने वाले वाहनों के लिए पूरी तरह सील की गई हैं। इसके बावजूद भी अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश में यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके रिश्तेदारों को बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने की अनुमति दे दी।
हैरत इस बात पर भी है कि यह मामला देहरादून के एडीएम, डीएम और अन्य अधिकारियों के संज्ञान में भी था, फिर भी सब चुप्पी साधे रहे। इस बात पर भी हैरत है कि सीएम त्रिवेंद्र भी अब तक इस पूरे मामले पर चुप हैं। अब तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया..?