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उत्तराखंड: दून मेडिकल कॉलेज में VIP-VVIP ड्यूटी से परेशान डॉक्टर ने इस्तीफा, प्राचार्य ने मनाया…आखिर कब तक?

देहरादून: उत्तराखंड में VIP और VVIP की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। VIP और VVIP ड्यूटी डॉक्टरों पर भारी पड़ रही है। आमल यह है कि अब एक और डॉक्टर नो नौकरी छोड़ने का फैसला ले लिया। उन्होंने इस्तीफा भी दे दिया था। लेकिन, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.आशुतोष सयान ने डॉक्टर से बात की और उनको मनाकर वापस ड्यूटी ज्वाइन कराई। ऐसा ही एक मामला पहले भी सामने आ चुका है। सवाल यह है कि आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा।

दून मेडिकल कॉलेज में कॉडियोलॉजिस्ट की तैनाती बड़ी मुश्किल से हो पाई है।  डॉक्टर की तैनाती से मरीजों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन, डॉक्टर खुद परेशान हो गए। हुआ यूं कि डॉक्टर को आए दिन किसी ना किसी VIP और VVIP ड्यूटी में भेज दिया जाता है, जिसके चलते मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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दून मेडिकल कॉलेज में तैनात कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय ने प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना से मुलाकात की और उन्हें बताया कि VIP-VVIP ड्यूटी लगने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। जांच ठप हो जाती है। दूरदराज से आए मरीज परेशान होते हैं। उन्होंने कहा कि कैथ लैब का संचालन होने पर यह समस्या और भी बढ़ जाएगी।

VIP-VVIP ड्यूटी के लिए कोई भी डाक्टर आम मरीज के जीवन से खिलवाड़ नहीं कर सकता और यह सही भी नहीं है। यह भी बताया कि जहां उनकी ड्यूटी लग रही है, वहां रहकर भी कोई फायदा नहीं है। वहां इतने संसाधन ही नहीं हैं कि वह कुछ कर सकें। प्राचार्य डॉ. सयाना ने कहा कि VIP और VVIP ड्यूटी शासन स्तर से लगाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि कार्डियोलॉजिस्ट ने इस्तीफा दिया था, लेकिन उन्हें समझा दिया गया है कि शासन स्तर पर इस संबंध में बात की जाएगी। मरीजों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

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दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले साल एक महिला डॉक्टर को भी वीआइपी कल्चर से आजिज आकर नौकरी छोड़नी पड़ी थी। उन्हें ओपीडी बीच में छोड़कर एक आइएएस अधिकारी की पत्नी के चेकअप के लिए उनके घर जाना पड़ा था। वहां उनको आइएएस अधिकारी की पत्नी से विवाद हो गया। जिसके बाद चिकित्सक का स्थानांतरण कर दिया गया। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर स्थानांतरण रुक गया, मगर बाद में चिकित्सक ने इस्तीफा दे दिया। यह प्रकरण काफी चर्चा में रहा था।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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