देहरादून: उत्तराखंड के 20 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। यूपीसीएल के बिजली बिल की गणना के समय में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव से लोगों को बिल कम होने वाला है। ऊर्जा निगम अब तक बिजली उपयोग करने का समय 15 दिनों से अधिक होने पर पूरे महीने का बिल तैयार करता है।
इस नुकसान यह होता था कि भले ही उपभोक्ता ने बिजली का उपयोग 15 दिन ही क्यों न किया हो। इसी तरह बिजली उपयोग का समय 16 दिन या उससे अधिक 45 दिन तक होने की स्थिति में भी एक महीने का बिल जारी किया जाता था। 46 दिन या उससे अधिक 75 दिन तक दो महीने का बिल जारी किया जाता था, जिससे उपभोक्ता को स्लैब के अनुसार अधिक बिजली दरों का भुगतान करना पड़ रहा था।
यूपीसीएल ने अब नया बिलिंग शेड्यूल जारी कर दिया है। इसमें हर महीने का बिल 25 से 35 दिन और दो महीने का बिल 55 से 65 दिन के भीतर तैयार किया जाएगा। इसमें भी जितने दिनों का “बिल तैयार होगा, भुगतान उसी के अनुरूप तय दरों के अनुसार करना होगा। इससे उपभोक्ताओं का बिजली बिल ज्यादा दरों वाले स्लैब तक नहीं पहुंच सकेगा। यह व्यवस्था लागूं कर दी गई है।
ऊर्जा निगम ने एक महीने में 30.417 दिन तय किए हैं। अगर आपका बिजली बिल 50 दिन में आता है, तो आपकी 100 यूनिट तक बिजली खर्च तय करने का सिस्टम बदल जाएगा 100 यूनिट को 50 से गुणा करने के बाद आने वाले आंकड़े को 30.417 दिन से भाग देने पर आनी वाली 164.38 यूनिट को पहला स्लैब माना जाएगा।
बिजली बिल का जो पहला स्लैब 100 यूनिट तक माना जाता है। वो 50 दिन के बिल पर पहला स्लैब 164.38 यूनिट माना जाएगा। इस तरह आम लोगों को पहले स्लैब के रूप में 64.38 यूनिट का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। यही फार्मूला अन्य स्लैब पर भी लागू होगा। नई व्यवस्था में फिक्सड चार्ज की गणना भी हर महीने की बजाय प्रतिदिन के अनुसार होगी।
पौड़ी सतपुली के सामाजिक कार्यकर्ता चैन सिंह रावत ने मुहिम शुरू की थी। उन्होंने तथ्यों के आधार पर बिलिंग सिस्टम पर सवाल उठाए था। इसको लेकर उन्होंने 2021 में उतराखंड विद्युत नियामक आयोग में लिखित शिकायत की थी। इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए आयोग ने बिलिंग सिस्टम का अध्ययन किया। जिसमें पाया गया कि यूपीसीएल की लापरवाही से लोगों पर बिजली बिल का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। उसी शिकायत के बाद सिस्टम में बदलाव किया गया है।