Sunday , 23 February 2025
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Uttarakhand Breaking : भू-कानून का धामी कैबिनेट की मंजूरी

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग को स्वीकार करते हुए सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि यह कानून राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है।

समान नागरिक संहिता (UCC) और नकल विरोधी कानून जैसे सख्त फैसलों के बाद अब सरकार ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्रदेश की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह कानून राज्य की मूल प्रकृति, संस्कृति और संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

क्या है नया भू-कानून?

इस नए भू-कानून के तहत बाहरी लोगों द्वारा राज्य में भूमि खरीदने पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इससे अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण पर रोक लगेगी और प्रदेश की पारंपरिक सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित किया जा सकेगा।

जनता की मांग और सरकार का फैसला

प्रदेश के विभिन्न सामाजिक संगठनों, स्थानीय जनता और राजनीतिक दलों की ओर से लंबे समय से सख्त भू-कानून की मांग की जा रही थी। लोगों का कहना था कि बाहरी निवेशकों और बड़े बिल्डरों द्वारा की जा रही अनियंत्रित भूमि खरीद राज्य की भौगोलिक और सांस्कृतिक संरचना को प्रभावित कर रही है। कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब राज्य की पहचान को सुरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।


मुख्यमंत्री धामी का बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर इस फैसले की जानकारी देते हुए लिखा, “राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार! प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”


कानून से क्या होंगे लाभ?

  1. राज्य की मूल पहचान की रक्षा – अनियंत्रित भूमि खरीद-फरोख्त पर रोक लगने से पहाड़ी क्षेत्रों की पारंपरिक संस्कृति सुरक्षित रहेगी।
  2. स्थानीय लोगों को प्राथमिकता – भूमि खरीद और उपयोग में स्थानीय लोगों को अधिक अधिकार मिलेंगे।
  3. बाहरी कब्जे और अतिक्रमण पर रोक – बाहरी निवेशकों द्वारा अनावश्यक भूमि अधिग्रहण को नियंत्रित किया जाएगा।
  4. पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण – अनियंत्रित निर्माण कार्यों पर लगाम लगाकर पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जाएगा।

विपक्ष और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

जहां एक ओर स्थानीय संगठनों और जनता ने इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि नए भू-कानून से राज्य में निवेश प्रभावित न हो। विपक्ष ने भी इस कानून पर स्पष्टता की मांग की है और इसके क्रियान्वयन की पारदर्शिता पर जोर दिया है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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