Friday , 22 November 2024
Breaking News

CGRF का फैसला : लाइन खराबी के रोजाना 25 और उपकरण फुंकने पर 500 का जुर्माना

◆ सी. जी. आर. एफ. मंच ने सुनाया ग्रामीणों के हक में फैसला । ऊर्जा निगम 180 दिनों के भीतर करे लाईन में सुधार ।

◆ विभाग ने तय समय सीमा के अंदर सुधार न किया तो प्रत्येक दिन का 25 रुपया व घरेलू उपकरण खराब होने की दशा में 500 रुपया प्रभावित हुए उपभोक्ता को मुआवजे के एवज में देना होगा ।

गोपेश्वर (चमोली): विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच कर्णप्रयाग मण्डल द्वारा ग्रामीणों के हक में दिए गए फैसले से ग्रामीण उपभोक्ताओं के चेहरे खिल उठे। दरअसल, 5 सितंबर 2020 को ग्रामीणों द्वारा मंच में ऊर्जा निगम की शिकायत दर्ज करते हुए कहा गया था कि ऊर्जा निगम, विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा बार-बार की जा रही शिकायतों को अनसुना कर रहा है और उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं कर रहा है ।

ग्राम प्रधान लाटूगैर प्रियंका देवी के साथ ही चौदह ग्रामीण उपभोक्ताओं ने विभाग के रवैये से क्षुब्ध होकर उपभोक्ता फोरम में मामला सुनवाई हेतु दर्ज कराया था । दर्ज शिकायत में मंच को बताया गया कि घनी आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्र में 1983 से संचालित विद्युत आपूर्ति हो रही है । जो कि विगत कई वर्षों से अब बदहाल स्थिति में है । ग्रामीणों द्वारा विद्युत लाईन की तकनीकी खामी को जिम्मेदार बताते हुए लिखा कि उनके क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लिए 4 किलोमीटर की विद्युत लाईन एल्युमिनियम के तारों के बजाय लोहे के तारों से की जा रही है।

जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में बोल्टेज कम रहता है और लाईन में फ़्लैक्चवेट (उतार-चढ़ाव) होने के कारण आए दिन घरों में लगे विद्युत से संचालित उपकरण टीवी, फ्रिज, पंखे आदि जल जाते हैं व बल्ब फ्यूज हो जाते हैं । ऊर्जा निगम की खामियों की वजह से उपभोक्ताओं को हो रहे लगातार आर्थिक नुकसान की शिकायत पूर्व में कई बार मौखिक व लिखित रूप से करने बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो समस्त उपभोक्ताओं ने बिजली मामलों की सुनवाई करने वाले सीजीआरएफ फोरम का दरवाजा खटखटाया ।

उक्त प्रकरण में शशि भूषण मैठाणी सदस्य उपभोक्ता एवं भूपेंद्र कनेरी सदस्य तकनीकी ने गैरसैण में सुनवाई करते हुए विभाग से जवाब मांगा । गैरसैण विद्युत उपखंड कार्यालय में हुई सुनवाई के दौरान ऊर्जा निगम की ओर से एस. डी. ओ. छेदी लाल एवं जे. ई. चंद्र सिंह बुटोला ने मंच के सदस्यों के समक्ष अपना पक्ष रखा और स्वीकार किया कि उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति में लो बोल्टेज व फलैक्चवेशन (उतार-चढ़ाव) जैसी समस्याओं का सामना विद्युत लाईन में लोहे की तारों के कारण ही हो रहा है, जिसके सुधार हेतु स्टीमेट (प्राकलन) का आकलन किया गया है । विभाग ने लिखित रूप से मंच को बताया कि उक्त क्षेत्र में तारों के अलावा विद्युत परिवर्तक (ट्रांसफार्मर) को बदलने की भी आवश्यकता है जो कि उच्च अधिकारियों की स्वीकृति से बदले जा सकेंगे ।

सुनवाई के पश्चात उपभोक्ता सदस्य शशि भूषण मैठाणी और तकनीकी सदस्य भूपेंद्र कनेरी के संयुक्त आदेश में ग्रामीणों के हक में फैसला देते हुए विभाग को आदेश जारी कर दिया ।

सदस्यों द्वारा सयुंक्त आदेश में स्पष्ट कहा है कि….

◆उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कार्य निष्पादन के मानक में 2007 की अनुसूची -1 के नियम 7.2.1(1) के अनुसार अनुज्ञप्ति धारी उपभोक्ता को उचित बोलेटज की आपूर्ति करेंगे । बोल्टेज की सीमा +6: से -6: के अनुसार नियत की गई है । उक्त विनियम के नियम 7.2.1(2) के अनुसार वोल्टेज समस्या का निदान अनुज्ञप्ति धारी द्वारा 180 दिन के भीतर करना अनिवार्य होगा । अगर एच. टी. / ए. एल. टी. का उन्नयन एवं अधिष्ठान की आवश्यकता है जैसा कि विपक्ष विभाग द्वारा ने मंच के समक्ष सहमति जताई है ।

◆ विपक्षी विभाग को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कार्य निष्पादन के मानक विनियम 2007 के अनुसार अनुज्ञप्ति धारी को निर्णय जारी होने की तिथि के 180 दिन के भीतर बोल्टेज का निदान हेतु एच. टी. / ए. एल. टी. का उन्नयन एवं अधिष्ठान करने का आदेश देता है । बोल्टेज की समस्या का निदान 180 दिनों के समय के अंदर न होने की स्थिति में अनुज्ञप्ति धारी का अनुसूची – III के नियम 9(6) के अनुसार प्रभावित प्रत्येक उपभोक्ताओं को व्यक्तिक्रम प्रत्येक दिन के लिए रुपया 25/- के हिसाब से बोल्टेज उतार-चढ़ाव के लिए प्रतिपूर्ति का आदेश करता है और साथ ही यह भी आदेश करता है कि वोल्टेज उतार-चढ़ाव के कारण उपभोक्ता के ऊपर हानि होने की स्थिति में मरम्मत हेतु प्रति उपकरण रुपया 500/- प्रभावित उपभोक्ताओं को दिया जाए ।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

उत्तराखंड: विदाई से पहले मानसून दिखा रहा तेवर, 7 जिलों के रेड, 6 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

देहरादून: मानसून जाने से पहले तेवर दिखा रहा है। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश …

error: Content is protected !!