Wednesday , 18 September 2024
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खबर का असर : खंड शिक्षा अधिकारी का बिस्तर की व्यवस्था वाला आदेश वापस

देहरादून: शिक्षा विभाग में गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में प्रस्तावित विधानसभा सत्र को लेकर तैयारी के बीच खंड शिक्षा अधिकारी गैरसैंण का एक आदेश सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसके बाद बवाल मच गया। आदेश में राजकीय इंटर कॉलेज मेहलचौरी और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गैरसैंण के प्रधानाचार्य को बिस्तर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे।

इस आदेश को लेकर शिक्षक संगठनों ने कड़ा ऐतराज जताया था। इसके बाद आदेश को वापस ले लिया गया है। पहाड़ समाचार ने एक्सक्लूसिव स्टोरी प्रकाशित की थी, जिसका असर हुआ है। खबर प्रकाशित होने के बाद आदेश को वापस ले लिया गया है।

नया आदेश

खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी नए आदेश में कहा गया है कि…इस कार्यालय के पत्र संख्या / विधानसभा बजट सत्र-2024/390/ 2023-24 दिनांक 17.08.2024 द्वारा गैरसैंण विकासखण्ड के मुख्यालयों पर स्थित रा.इ.का./रा.बा.इ.का./रा.उ.मा.वि. से विधानसभा सत्र हेतु बिस्तर मंगाये गये थे। कार्यालय लिपिकीय भूलवश / त्रुटिवश ऐसा आदेश निर्गत किया गया जिसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।

ये था आदेश

दरअसल, गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में 21 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है। उससे पहले वहां पहुंचने वाले अधिकारियों के लिए व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं। इन्हीं व्यवस्थाओं से जुड़ा एक आदेश खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी किया गया है।

यह राजकीय इंटर कॉलेज मेहलचौरी के प्रधानाचार्य और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गैरसैंण के प्रधानाचार्य को संबोधित किया गया है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आदेश में प्रधानाचार्य को दो जोड़ी बिस्तर गद्दा, तकिया और बेडशीट समेत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

केवल उपलब्ध कराने की ही नहीं बल्कि, सत्र समाप्त होने के बाद रजाई ,गद्दा और बेडशीट, तकिया समेत वापस प्राप्त करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। यह आदेश अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

https://pahadsamachar.com/chamoli/uttarakhand-block-education-officers-order-to-two-principals-to-provide-bharat-singh-with-quilt-mattress/

इस पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सवाल पूछे जा रहा हैं कि क्या शिक्षकों की ड्यूटी किसी अधिकारी के लिए रजाई, गद्दा तकिया और चद्दर बिछाने की है या फिर उनकी जिम्मेदारी बच्चों को पढ़ाना है। शिक्षक संगठनों ने भी इस पर कड़ा ऐतराज जताया है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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