Friday , 11 October 2024
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उत्तराखंड : 56 साल बाद मिला सेना के जवान का शव, पार्थिव देह इस दिन पहुंचेगी गांव, 1968 में हुआ था बड़ा हादसा

चमोली: 1968! आज से ठीक 56 साल पहले। हिमाचल में एक मिशन पर निकला एयर फोर्स का एक विमान हादसे का शिकार हो गया था। इसमें सेना के जवान शहीद हो गए थे। कुछ के शव बरामद हो गये थे, जबकि कुछ के शव नहीं मिल पाए थे। लेकिन, अब 56 साल बाद चार जवानों के शव मिले हैं, जिनमें एक उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायण सिंह का शव भी शामिल है।

चमोली जिले के थराली तहसील के गांव कोलपुड़ी के लापता सैनिक की पार्थिव देह 56 साल बाद अपने गांव पहुंचेगी। गांव के नारायण सिंह वर्ष 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में वायुसेना के एएन-12 विमान दुर्घटनाग्रस्त होने पर लापता हो गए थे। 56 साल बाद जिन चार सैनिकों के अवशेष मिले हैं, उनमें एक कोलपुड़ी गांव के नारायण सिंह का शव भी शामिल है।

कोलपुड़ी गांव के प्रधान और नारायण सिंह के भतीजे जयवीर सिंह ने बताया कि सोमवार को सेना के अधिकारियों ने सूचना दी उनकी पहचान हो जाने की सूचना दी। उन्होंने बताया कि जेब में मिले पर्स में एक कागज में नारायण सिंह ग्राम कोलपुड़ी और बसंती देवी नाम दर्ज था। साथ ही उनकी वर्दी के नेम प्लेट पर भी उनका नाम लिखा था।

सेना के अधिकारियों ने जयवीर सिंह को बताया कि बर्फ में शव सुरक्षित था, लेकिन बर्फ से बाहर निकालने के बाद शव गलने लगा है, जिससे उसे सुरक्षित किया जा रहा है। साथ ही उनका डीएनए सैंपल लिया जा रहा है।

जयवीर सिंह बोले कि माता बसंती देवी ने बताया था कि पति नारायण सिंह सेना में तैनात थे। वह साल में एक बार घर आते थे, अक्सर पत्रों से ही हाल पता लगता था। एक बार एक टेलीग्राम आया जिसमें अंग्रेजी में विमान के लापता होने और उसमें नारायण सिंह के लापता होने की बात लिखी थी। 

उसके बाद परिजन इंतजार करते रहे लेकिन कोई खबर नहीं आई। मां जब तक जिंदा थी नारायण सिंह का इंतजार करती रहीं। वर्ष 2011 में बसंती देवी की मृत्यु हो गई।

भारतीय सेना के एक अभियान दल ने 1968 में हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुए AN-12 विमान के मलबे से चार सैनिकों के पार्थिव अवशेष बरामद किए हैं। भारतीय वायु सेना (IAF) का यह विमान 102 सैन्यकर्मियों को लेकर चंडीगढ़ से लेह की उड़ान पर था, जब पांच दशक पहले यह दुर्घटना हुई थी।

लाहौल-स्पीति जिले के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने सोमवार शाम को न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि सेना के अभियान दल से सैटेलाइट फोन के जरिए इस खोज की जानकारी मिली है। यह दल लाहौल-स्पीति में बटाल के पास CB-13 (चंद्रभागा-13 चोटी) के सुदूर और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में पर्वतारोहण अभियान चला रहा था।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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