Friday , 22 November 2024
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UTTARAKHAND : DM की शादनार पहल, देश-दुनिया में ऑनलाइन बिकेगा चमोली का ‘घी’, आर्थिकी को मिलेगी मजबूती

चमोली : बदरी गाय का घी अब देश-दुनिया के लोगों को ऑनलाइन मिलने लगेगा। लोग घर बैठे शुद्ध बद्री गाय घी को अमेजन से ऑनलाइन खरीद सकते हैं। बद्री घी अमेजन पर ‘‘बद्री गाय घी’’ के नाम से उपलब्ध है, जो चमोली में खास तौर पर बिलोना विधि से तैयार किया जाता है। चमोली जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल ग्रोथ सेंटरों में निर्मित बद्री गाय घी को देशव्यापी बाजार उपलब्ध कराने की पहल की है। बद्री गाय घी चमोली जनपद की महिला स्वयं सहायता समूह परम्परागत बिलोना विधि से बनाती हैं।  बद्री गाय के दूध से दही बनाने के पश्चात लकडी की मथनी (बिलोना) से मथकर प्राप्त मक्खन को हल्की मध्यम आंच पर गर्म कर घी तैयार किया जाता है। ताकि इसके पौष्टिक तत्व बने रहें।

डीएम स्वाति एस भदौरिया की पहल

 डीएम स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि ग्रोथ सेंटरों में निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के उदेश्य से बद्री घी को ऑनलाइन अमेजन पर बिक्री कराया जा रहा है। अभी जोशीमठ ब्लाक के अन्तर्गत बद्री गाय घी के दो ग्रोथ सेंटर संचालित है। जिसमें महिला समूहों द्वारा परम्परागत बिलोना विधि से बद्री गाय का घी निर्मित किया जा रहा है। बद्री घी की ऑनलाइन बिक्री से चमोली में उत्पादित घी पूरे देश में बेचा जा सकेगा। ऑनलाइन बिक्री से जहां एक ओर पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं की आय बढ़ेगी, वहीं, ब्रदी गाय को भी संरक्षण मिलेगा।

औषधीय गुणों से युक्त

उन्होंने बताया कि बद्री गाय उच्च हिमालयी क्षेत्रों के बुग्यालों एवं जड़ी बूटियों से भरपूर चारागाहों में औषधीय गुणों से युक्त वनस्पतियों की स्वच्छंद चरायी करती है। जिससे बद्री गाय का औषधीय गुणों से युक्त दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होता है। इससे प्राप्त उत्पाद जैसे दूध व घी उच्च पोषकता से परिपूर्ण होने के कारण बाजार में विशेष महत्व रखते है। बद्री गाय से 1.50 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन होता है एवं परम्परागत विधि से बद्री घी बनाने के लिए अन्य घी की अपेक्षाकृत अधिक श्रम व समय लगता है।

‌‌बद्री घी का उत्पादन

सहायक निदेशक डेरी राजेन्द्र सिंह चैहान ने कहा कि जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया और मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे के मार्ग निर्देशन में दुग्ध विकास विभाग चमोली के माध्यम से बद्री घी का उत्पादन एवं विपणन की व्यवस्था की गई है। बद्री घी के ग्रोथ सेंटर की सफलता से डेरी विकास विभाग ने जनपद चमोली में पांच नए ग्रोथ सेंटर भी प्रस्तावित किए है। सहायक निदेशक ने बताया कि देवभूमि उत्तराखंड की बद्री गाय को राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरों द्वारा परिग्रहण संख्या-INDIA_CATTLE_2400_BADRI_03040 अन्तर्गत 40वीं भारतीय (स्वदेशी) नस्ल की गाय के रूप में सूचिवद्ध किया गया है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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