Sunday , 6 July 2025
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उत्तराखंड: इस झरने में छुपा है जोशीमठ की बर्बादी का रहस्य, पढ़ें ये रिपोर्ट

जोशीमठ: जोशीमठ शहर खतरे में है। 500 से ज्यादा घरों में दरारें पड़ चुकी हैं। शहर के डेढ़ किलोमीटर एरिया को आपदाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। शहर के अस्तित्व पर ही संकट आ खड़ा हुआ है। ऐतिहासिक और पौराणिक धरोहरों के तबाह होने का खतरा मंडरा रहा है।

अब तक साफतौर इसका कारण पता नहीं चल पाया है, लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि इसका रहस्य शहर के सबसे निचले हिस्से में बसी जेपी कॉलोनी में फूटे झरने में छुपा है। शहर के घरों की दीवारों के दरकने, जमीन फटने और सड़कों के धंसने का सबसे बड़ा कारण भी यही हो सकता है।

ये जमीन के नीचे जमा पानी है जो शहर में बने घरों, होटलों और भवनों की बुनियाद को खोखला कर रहा है।

हैरत की बात यह है कि तबाही के मुहाने पर सीढ़ीदार ढंग से बसे इस शहर में कोई सरकार ड्रेनेज सिस्टम का इंतजाम नहीं कर पाई। बरसात का कुछ पानी ढलान पर बसे इस शहर में ऊपर से नीचे उतरता हुआ नीचे बह रही अलकनंदा नदी में मिल जाता है।

बाकी पानी शहर की उस धरती में रिसता रहता है, जो ग्लेशियर से बहाकर लाए गए लूज वोल्डर और मिट्टी के मलबे से बनी है।

आधुनिक टाउनशिप के रूप में बसी जेपी कॉलोनी में जब सब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तब गत 2/3 जनवरी की रात अचानक एक झरना फूट पड़ा।

झरने का मटमैला पानी दिन रात लगातार बह रहा है। विशेषज्ञों की टीम हैरत में है कि इतनी तेज बहाव से झरना आखिर कहां से निकल रहा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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