चमोली : गैरसैंण में प्रस्तावित “सेंटर फॉर एक्सीलेंस” की स्थापना एवं कौशल विकास व आजीविका संबर्धन को लेकर उपाध्यक्ष ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ. एसएस नेगी की अध्यक्षता में शुक्रवार को गैरसैंण विकासखंड सभागार में बैठक हुई। जिसमें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत कौशल विकास एवं विभिन्न व्यवस्थाओं की रूपरेखा पर गहनता से चर्चा की गई। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, कौशल विकास मिशन के परियोजना निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार (आईएएस) एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे सहित अन्य मौजूद रहे।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार एवं कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने एवं लोगों की आर्थिकी में सुधार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। कहा कि प्रदेश में स्थापित किए जा रहे विभिन्न रूरल ग्रोथ सेंटर भी लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के असीमित अवसर होने के बावजूद अक्सर योग्य एवं सक्षम युवाओं के सामने रोजगार की समस्या रहती है। इसका सबसे बड़ा कारण है वर्तमान में चल रहे रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी व उन क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल का अभाव है। इसी अभाव को दूर कर राज्य के पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार के पथ पर अग्रसर करने के उद्देश्य से कौशल एवं आजीविका विकास की शुरुआत की गई। गैरसैण राज्य की ग्रीष्म कालीन राजधानी बनने से जल्द ही गैरसैंण, चैखुटिया, कर्णप्रयाग आदि क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा। पलायन आयोग के गठन से पलायन रोकने हेतु स्वरोजगार पर फोकस हुआ है। स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहयोग पाने के लिए आवेदन प्रक्रिया में शिथिलीकरण दिया जा रहा है। कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के जैविक उत्पादों की आज बहुत बड़ी डिमांड है।
मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बैठक में क्षेत्र में भूजल रिचार्ज के लिए किये गये कार्यों एवं जनपद में संचालित ग्रोथ सेंटर, आजीविका तथा स्वयं सहायता समूहों के बारे में जानकारी दी। जिसकी पलायन आयोग ने सराहना करते हुए कहा कि गैरसैंण में कौशल विकास का एक एक्सलैंस केंद्र बनाया जा रहा है, जिसमें अल्मोड़ा, रूद्रप्रयाग, चमोली आदि तीन चार जनपद के युवक युवतियों को अंतराष्ट्रीय संस्था यूएनडीपी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनकी हैंड होल्डिंग की जाएगी। जिसमें उत्पादन से लेकर विपणन की व्यवस्थाओं की जानकारी दी जाएंगी। बैठक में विकासखंड गैरसैंण, थराली एवं कर्णप्रयाग में आजीविका मिशन तथा अन्य कार्यक्रमों के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूहों, ग्रोथ सेंटर एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर भी चर्चा की गई। इस दौरान मुद्रा लोन, कन्वर्जेस योजना, फाइनेंशियल लिटरेशी कैम्पेन सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी गई।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर भराड़ीसैंण (गैरसैंण) स्थित विधानसभा के प्रांगण से गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा की थी। इस सेंटर के माध्यम से उद्यमिता विकास एवं आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिए जाएंगे। शुरुआत में यहां यूएनडीपी से संबंधित प्रशिक्षण देने का निश्चय किया गया है। सरकार की कोशिश है कि यह सेंटर जल्द से जल्द आकार ले ले। गैरसैंण में यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यूएनडीपी के सहयोग से बनाया जायेगा। इसमें लोगों को उद्यमिता विकास एवं आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिये जायेंगे। शुरूआती चरण में यूएनडीपी द्वारा इससे संबंधित प्रशिक्षण दिए जायेंगे।
बैठक में कौशल विकास मिशन के परियोजना निदेशक डॉ. राजेश कुमार, मुख्य मंत्री के सलाहकार डॉ.नरेंद्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत पांडे, कर्णप्रयाग के बीडीओ राजेंद्र सिंह, गैरसैंण के बलवंत सिंह गुसांईं, थराली के बीडीओ अशोक कुमार शर्मा, नारायण बगड़ के बीडीओ मदन सिंह, रूद्रप्रयाग के जिला सेवा योजना अधिकारी कपिल पांडे, डॉ. मनीश ठाकरी, हेमंत सती, राकेश सजवाण, स्वयं सहायता समूह कर्णप्रयाग की अध्यक्ष रेनू देवी, गैरसेंण की रेखा देवी, प्रगतिशील किसान हरेंद्र साह, मेहलचैरी की पुष्पा देवी आदि जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आये दर्जनों समूहों कूलसारी व थराली के नंदा देवी व गौरा देवी समूह और विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। सीडीओ ने पलायन आयोग के अध्यक्ष को स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए केदारनाथ मंदिर का सुंदर मॉडल भेंट करने के साथ ही कार्यक्रम का समापन किया गया।