नरेंद्रनगर: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) के अवसर पर धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर के स्टूडेंट्स ने आॅनलाइन विचार गोष्ठी में खुलकर अपने विचार रखे। किसी ने जहां आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति पर चिंता जताई। वहीं, कुछ ने इसे मानव समाज पर एक कलंक माना। धर्मानन्द उनियाल राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अशोक नेगी ने कहा कि हमें समाज में ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें जीवन की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए।
युवाओं पर विशेष फोकस करते हुए डाॅ. नेगी ने कहा कि हमें किसी भी परिस्थति में धैर्य नहीं खोना चाहिए। लगातार सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। (World Suicide Prevention Day) बीए मास कम्युनिकेशन के छात्र अरविंद जोगियाल ने युवाओं से अपील की वे अपने मन में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को जन्म न लेने दें। बीए की छात्रा काजल कैंतुरा ने स्वरचित कविता के माध्यम से जहां आज की पीढ़ी को नशा और अवसाद से दूर रहने की सलाह दी। वहीं, बीएससी की छात्रा सलोनी मैठाणी ने आत्महत्या को दुःसाहसिक कृत्य बताया।
हेमा परिहार ने जीवन से निराश हो चुके व्यक्ति को सहारा देकर उसके दर्द को महससू करते हुए हिंदी फिल्म अनाड़ी का गाना ‘किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार…’ गाकर आत्महत्या (World Suicide Prevention Day) के प्रति सामाजिक जागरूकता और सौहार्द का संदेश दिया। इसके अलावा खुशुबू गौतम, शिवानी सेलवान ने जहां कविता पाठ किया। वहीं, मितेश नेगी ने आत्महत्या की सच्ची घटना पर आधारित एक कहानी के माध्यम से समाजिक जागरूकता का संदेश दिया।
बीए की छात्रा मीनाक्षी राणा और आकृति बडोनी ने आत्महत्या रोकथाम (World Suicide Prevention Day) पर पोस्टर बनाया, जिसे खूब सराहा गया। कार्यक्रम का संचालन बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा सलोनी बिष्ट ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजक डाॅ. सपना कश्यप के आलावा, डाॅ. अनिल कुमार नैथानी, डाॅ. सृचना सचदेवा, डाॅ. चंदा थपलियाल, डाॅ. विक्रम सिंह बत्र्वाल और डाॅ. मनोज सुंद्रियाल ने भी World Suicide Prevention Day अपने विचार व्यक्त किए।