…हिमांशु बडोनी
कोरोना वायरस के खिलाफ जारी देश की इस जंग में पुलिस के कंधों पर भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक ओर जहां पुलिस कानून व्यवस्था की बखूबी जिम्मेदारी संभाले हुए है वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों में ही रोके रखने की बड़ी चुनौती का सामना भी कर रही है.कोरोना के गंभीर संक्रमण के खतरे की परवाह किए बगैर महिला पुलिसकर्मी भी अपने फर्ज को बखूबी निभा रहीं है.
पति-पत्नी निभा रहे ड्यूटी
तस्वीर में दिख रही महिला सब-इंस्पेक्टर पूनम शाह कोतवाली कोटद्वार में तैनात है, जो इन दिनों अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने के काम में लगी हुई है.दरअसल दिनभर तपती धूप में कानून व्यवस्था का सख्ती से पालन करवाने के साथ साथ पूनम लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की जानकारियां भी दें रही है. मूलरूप से उत्तरकाशी जनपद के नौगावं ब्लाक के डांडागांव में पूनम की ससुराल है, जबकि मायका धराली गावं से है. पूनम के पति भी उत्तराखंड पुलिस में है और वह भी इन दिनों दुनिया की सबसे बड़ी महामारी यानी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की जंग में अपनी भी भागदारी निभा रहें है.
वर्दी के साथ परिवार का फर्ज
घर के बाहर कड़क खाकी और घर के अंदर बूढ़े सास ससुर के लिए एक सुशील बहू का फर्ज निभाने वाली पूनम बखूबी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है.लोगों को कोरोना से बचाने के साथ साथ अपने परिवार को भी इसके संक्रमण से बचाने की चुनौती सब-इस्पेक्टर पूनम शाह के सामने है. दिनभर वर्दी के फर्ज की खातिर घर से बाहर सड़कों पर रहने वाली पूनम कई दिनों तक अपने दो छोटे बच्चों का चेहरा तक नहीं देख पाती है.
लेडी इन खाकी
वो ऐसा इसलि कर रही हैं कि लोग कोरोना संक्रमण के इस दौर में अपनों का चेहरा देख सकें. लेडी इन खाकी में अपनी वर्दी के फर्ज को बखूबी निभा रही पूनम शाह पर पूरे पुलिस महकमें को नाज है.आमतौर पर पुलिस के प्रति आमजनता की धारणा उतनी अच्छी नही होती लेकिन कोरोना संक्रमण काल में पूनम शाह जैसे पुलिसकर्मी जो वर्दी का असली फर्ज अदा कर रहें है उसने खाकी के प्रति आमजनता की धारणा ही बदल कर रख दी है.