देहरादून: 2021 की जनगणना की तैयारियों तेज हो गई हैं। इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से फ्रीजिंग की तिथि 31 दिसंबर तय कर दी गई है। इस तिथि के बाद जनगणना का काम शुरू किया जाएगा। फ्रीजिंग की तिथि का ऐलान होते ही प्रशासनिक इकाईयों की सीमाएं सील कर दी जाएंगी। जनगणना के लिए पहले महारजिस्ट्रार ने 31 दिसंबर 2019 की फ्रीजिंग तिथि तय की थी।
चरणबद्ध प्रक्रिया
फ्रीजिंग तिथि के आधार पर जनगणना की चरणबद्ध प्रक्रिया के लिए तिथियों की घोषणा होनी बाकी है। इसके तहत पहले चरण में मकानों की गणना और दूसरे चरण में जनगणना होगी। उत्तराखंड में जनगणना के लिए निकायों से रजिस्टर आदि मंगाने की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है।
डिजिटल जनगणना भी
इस बार की जनगणना डिजिटल होगी। इसके तहत मोबाइल एप के माध्यम से जनगणना में हिस्सा लिया जा सकेगा। पहली बार यह डिजिटल मोड में भी कराई जाएगी। हालांकि मैन्युअल यानी जमीनी स्तर पर भी जनगणना होगी।
कोरोना के कारण नहीं हुई थी जनगणना
जनगणना दो चरणों में होनी थी। पहले चरण के तहत अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान मकानों की सूची बनाई जानी थी। मकानों की गणना होनी थी। दूसरे चरण में नौ फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच जनसंख्या की गणना होनी थी। लेकिन मार्च 2020 में कोविड लॉकडाउन की वजह से जनगणना की प्रक्रिया भी स्थगित कर दी गई थी।
ये काम नहीं होंगे
जनगणना के लिए फ्रीजिंग तिथि की घोषणा होने के बाद ही प्रदेश में कोई भी नया जिला नहीं बनेगा। जिलों के परिक्षेत्र में कोई बदलाव नहीं होगा। कहीं भी कोई नई तहसील नहीं बनाई जाएगी और किसी तहसील के परिक्षेत्र में बदला किया जा सकेगा। यही नियम नए, नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत क्षेत्रों पर लागू रहेगा।