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रण दूर है पर तैयारी जारी…दीपक की एंट्री से किसे है सियासी जमीन खिसकने का डर!

  • प्रदीप रावत (रवांल्टा)

दीपक बिजल्वाण (DEEPAK BIJLWAN) । ये नाम इन दिनों चर्चाओं में है। फिल्म का डायलाॅग तो याद होगा कि जहां पर हम खड़े होते हैं…लाइन वहीं से शुरू होती है…। इधर…चर्चा दीपक से ही शुरू हो रही है और दीपक पर ही समाप्त हो रही है…। दीपक (DEEPAK BIJLWAN) के ख़म ठोकने की चर्चाओं में आने के बाद से ही कई लोगों को अपनी सियासी जमीन खिसकती नजर आ रही है। इस तरह की चर्चा यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र में हर जुबां पर है। दावे किए जा रहे हैं कि दीपक बिजल्वाण 2022 में भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए ही चुनौती बन गए हैं। बहुत कम समय में दीपक बिजल्वाण ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। दीपक (DEEPAK BIJLWAN) यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र में कितने प्रभावी हैं और किस तरह से वो विरोधियों पर भारी पड़ सकते हैं। इसका विश्लेषण भी किया जा रहा है। अब आपको बताते हैं कि चर्चाएं क्या हैं ? दीपक क्या कर रहे हैं ? और  कैसे वो 2022 में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे संभावित प्रत्याशियों पर भारी पड़ सकते हैं ?

दीपक ने तैयारियां शुरू कर दी
हालांकि 2022 में अभी वक्त है, लेकिन दीपक (DEEPAK BIJLWAN) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। दीपक की यही तैयारियां चुनावी समर में उतरने का मन बना रहे नेताओं के लिए चिंता की बात है। दीपक बिजल्वाण (DEEPAK BIJLWAN) ने जब से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभाली, तब से ही यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने विजन 2022 के लिए काम करना शुरू कर दिया था। दरअसल, दीपक हमेशा से महत्वाकांक्षी रहा है और बहुत संतुलित ढंग से सफलता भी हासिल की है। उसीका नतीजा है कि दीपक (DEEPAK BIJLWAN) कम उम्र में ही जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए।

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यमुनोत्री विधानसभा का चुनावी रण
दीपक बिजल्वाण के यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र से चुनावी रण में खम ठोकने की तैयारी और तूफानी दौरों ने चुनाव की तैयारियों में जुटे नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है। दीपक ने अपने दौरे के लिए सबसे पहले उन गांवों को चुना, जिन गांवों की तरफ जाने से हर नेता गुरेज करता है। दीपक (DEEPAK BIJLWAN) ने इन गांवों में जाकर लोगों को यह भरोसा दिलाया कि वो केवल वहाई बातें नहीं करते, बल्कि धरातल पर जाकर लोगों की समस्याओं को समझते हैं।

गरीबों की मदद
एक और बात जो दीपक (DEEPAK BIJLWAN) को लोकप्रिय बना रही है। वह है उनकी जाजिर जवाबी। आज तक जिन छोटी-छोटी मांगों को भी बड़े नेता होने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधि नहीं कर सके थे। उनकी समस्याओं को समाधान अपने दौरे के दौरान ही कर दिया। गरीबों की मदद के लिए दीपक हमेशा ही तैयार रहते हैं। जब भी किसी को जरूरत होती है। वो हमेशा तैयार रहते हैं। कई लोगों को उन्होंने अपने दौरों के दौरान ही बड़ी आर्थिक मदद की। यह बात भी लोगों के मन का छू गई और लोग दीपक के मुरीब बन गए।

वर्तमान विधायक केदार सिंह रावत
यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक केदार सिंह रावत काफी मजबूत माने जाते हैं। उनको चुनावी मैनेजमेंट काफी बेहतर है। काम करने के दावे भी किये जा रहे हैं। उनके लिए भी दीपक चुनौती हैं। दरअसल, दीपक ने सेबसे पहले उन्हीं के क्षेत्र को अपने दौरों के लिए चुना। मीडिया रिपोर्ट और ग्राउंड रिपोर्ट बताती हैं कि दीपक (DEEPAK BIJLWAN) ने फिलहाल तो लोगों को अपने पक्ष में करने में सफलता हासिल कर ली है। 2022 तक लोग उनके साथ कितने रहते हैं, ये देखने वाली बात होगी।

ये हैं चुनावी रण के दावेदार
संजय डोभाल कांग्रेस से टिकट के दावेदार हैं। अब तक यही माना जा रहा है कि उन्हीं को कांग्रेस चुनावी मैदान में उतारेगी। यहां बड़ी बात यह है कि दीपक राजनीति में दांव लगाने में छोटी उम्र में माहिर हो चुके हैं। कहीं अगर उन्होंने कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर दी, तो दीपक डोभाल के लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। अगर दीपक (DEEPAK BIJLWAN) ने कांग्रेस से टिकट की मांग की और अपनी पैठ और नेताओं के साथ नजदीकियों के दम पर टिकट हासिल कर लिया, तो संजय डोभाल को या तो उनका समर्थन करना होगा या फिर किसी दूसरे विकल्प को तलाशना होगा।

बीजेपी और कांग्रेस से नजदीकियां

उनके साथ बड़ी बात यह है कि कांग्रेस भी उनको अपना बताती है। जगवीर भंडारी भी संभावित प्रत्याशी माने जाते हैं। वो पहले ही सोशल मीडिया में कह चुके हैं कि अगर उनको पार्टी टिकट नहीं देती है, तो निर्दलीय भी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। एक और नाम जिस पर सबकी निगाहें हैं, वो नाम है युवा नेता मनवीर चौहान का। वो भो टिकट की दावेदारी करेंगे, लेकिन टिकट नहीं मिलने की इस्थिति में उनके पार्टी से बाहर जाने के चांस के ही नजर आते हैं। एक ख़ास बात ये है कि दीपक की नजदीकियां बीजेपी और कांग्रेस से लगभग बराबर हैं। नेताओं को यही डर सता रहा है।

राजनीतिक गुणभाग अपने पक्ष में करना होगा
इन सब बातों का लाभ प्रीतम पवांर को मिल सकता है । ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या रवांई क्षेत्र के इन चार नेताओं के बीच की जंग का लाभ प्रीतम पंवार को मिलेगा ? इस इसी सवाल का जवाब दीपक बिजल्वाण (DEEPAK BIJLWAN) खोजने में जुटे हैं। अगर दीपक यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र में शामिल गंगा घाटी के लोगों को अपने पक्ष में लामबंद करने में सफल हो गए तो उनको जीत से कोई नहीं रोक सकता। अगर ऐसा संभव नहीं हुआ तो केदार रावत को नुकसान उठाना पड़ सकता है। कुलमिलाकर देखा जाए तो दीपक (DEEPAK BIJLWAN) को अपनी चमक को बरकरार रखने के लिए राजनीति गुणाभाग को पूरी तरह से अपने पक्ष में करना होगा। तभी 2022 में कुछ संभावनाएं नजर आएंगी।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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