Wednesday , 18 June 2025
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उत्तराखंड में बड़ी हलचल, आखिर कौन फैलान चाहता है सांप्रदायिकता

  • कौन हैं देवभूमि के दुश्मन।

देहरादून : पलायन के कारण पहाड़ के गांव के गांव खाली हो गए, जिससे एक बड़ा खतरा पहाड़ों पर मंडरा रहा है। कई बाहरी लोग आकर पहाड़ों में बस गए हैं।लोग लंबे समय से स्थानीय प्रशासन को इस तरह के बाहरी लोगों का सत्यापन करने के मांग कर रहे थे। लेकिन, इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया।

इस बीच पहाड़ के कई क्षेत्रों में सांप्रदायिक हलचल में भी देखने को मिली। कई जगहों पर संप्रदाय विशेष के धर्म चिन्ह बनाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास की किया गया। बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन अब सरकार को मिली रिपोर्ट के बाद कार्रवाई शुरू की जा रही है। हरिद्वार में लोगों की पलायन करने की घटनाएं भी सामने आई थी। साथ ही क्षेत्र में आपत्तिजनक संप्रदाय विशेष के पोस्टर फेंकने के मामले भी सामने आते रहे हैं।

सरकार ने राज्य के कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या के ढांचे के गड़बड़ाने से हो रहे पलायन के कारण राज्य में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका जताई है। शासन ने पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को इस समस्या के समाधान के लिए तुरंत एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

आदेश में कहा गया कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से जनसांख्यिकी (डेमोग्राफिक) परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। जिसका नकारात्मक प्रभाव कुछ समुदाय के लोगों का उन क्षेत्रों से पलायन के रूप में सामने आने लगा है। इतना ही नहीं इससे वहां का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका भी बनी हुई है।

सरकार के आदेश में डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों एवं एसएसपी को प्रत्येक जिले में जिलास्तरीय समिति बनाने के निर्देश दिए गए हैं। समिति इस समस्या के निदान के लिए अपने सुझाव देगी। उन्हें संबंधित क्षेत्रों में शांति समितियों का भी गठन करने के लिए कहा गया है। समय-समय पर इन समितियों की बैठकें आयोजित की जाएंगी।

जिलों में इस प्रकार के क्षेत्रों का चिह्निकरण किया जाएगा। असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर करवाई की जाएगी। जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार होगी, जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और उनका आपराधिक इतिहास है। शासन ने आपराधिक इतिहास वाले राज्य के बाहर आए लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन का रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं।

जिलाधिकारियों को कहा गया है कि इन क्षेत्र विशेष में भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त पर विशेष निगरानी रखी जाए। इस पर रोक लगाते हुए यह देखा जाए कि कोई व्यक्ति किसी के डर या दबाव में अपनी संपत्ति न बेच रहा हो।

शासन ने जिलों में निवास कर रहे विदेश मूल के उन लोगों के खिलाफ सख्त करवाई करने को कहा है, जिन्होंने धोखे से भारतीय वोटर कार्ड अथवा पहचान पत्र बनवाए हैं। ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर उनके खिलाफ नियमानुसार करवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि हमें इस तरह की सूचनाएं प्राप्त हुई थीं। इन सूचनाओं पर ही गृह विभाग की ओर से निर्देश दिए गए हैं।

सवाल यह है कि आखिर बाहरी लोग इतनी बड़ी संख्या में कैसे किसी विशेष क्षेत्र में आकर बस गए। क्यों नहीं उनके आने का संबंधित क्षेत्र के प्रशासनिक अमले को पता लगा और क्यों निगरानी समितियां बनाने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे बाहरी लोगों को तत्काल कानूनी कार्रवाई के तहत संबंधित क्षेत्र से बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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