नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दे दी। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, पेंशन और सेवा शर्तों में सुधार की सिफारिशें करेगा।
आयोग एक अस्थायी निकाय होगा, जिसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। यह गठन की तिथि से 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। जरूरत पड़ने पर अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जा सकती है।
सिफारिशों में रखी जाएंगी ये बातें ध्यान में:
देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय अनुशासन
विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं के लिए संसाधनों की उपलब्धता
गैर-अंशदायी पेंशन की बढ़ती लागत
राज्य सरकारों पर पड़ने वाला वित्तीय प्रभाव
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (CPSUs) और निजी क्षेत्र के वेतनमान की तुलना
पृष्ठभूमि में दस साल का चक्र
केंद्रीय वेतन आयोग हर दस वर्ष में गठित होते रहे हैं। 7वाँ आयोग 2016 में लागू हुआ था। इस लिहाज से 8वें आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने की संभावना है।
सरकार ने जनवरी 2025 में ही आयोग गठन की घोषणा की थी। अब विषयों को मंजूरी मिलने से औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है।
केंद्र के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। राज्य सरकारें भी आमतौर पर इन सिफारिशों को अपनाती हैं।
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