Friday , 22 November 2024
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बड़ी खबर : देश में पहली बार ‘राइट टू हेल्थ’, इस राज्य ने किया लागू

राजस्थान : विधानसभा चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत जनता को लुभाने के लिए लगातार बड़े एलान कर रहे हैं। इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने घोषणा करते हुए बताया कि राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य राजस्थान बन गया है।

उन्होंने कहा राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच सहमति बन गई है और राजस्थान इसे लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर बताया कि ‘मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी।’

ये है राइट टू हेल्थ

स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक को हाल ही में राजस्थान विधानसभा में पास कराया गया था। स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक राजस्थान के निवासियों को निजी प्रतिष्ठानों सहित अस्पतालों, क्लीनिकों और प्रयोगशालाओं में मुफ्त इलाज का अधिकार देने का प्रयास करता है। स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक में कहा गया है कि राजस्थान के प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी पूर्व भुगतान के आपातकालीन चिकित्सा सेवा मिलेगी, जिसमें निजी प्रतिष्ठान भी शामिल हैं।

इस विधेयक में यह भी कहा गया है कि सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं प्रत्येक व्यक्ति को नि:शुल्क उपलब्ध होंगी, जिसमें ओपीडी और आईपीडी सेवाएं, डॉक्टरों की सलाह, दवाइयां, जांच, आपात स्थिति में एंबुलेंस शामिल होंगी। साथ ही सड़क दुर्घटना में घायलों को निर्धारित नियमानुसार नि:शुल्क एंबुलेंस, उपचार एवं बीमा का अधिकार मिलेगा। इसके अलावा निजी और सरकारी अस्पतालों में आवश्यक शुल्क या शुल्क के पूर्व भुगतान के बिना किसी भी आकस्मिक मामले में आपातकालीन उपचार उपलब्ध होगा। इन आकस्मिक मामलों में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा तय किए गए आपातकाल के अलावा सांप का काटना, जानवर का काटना शामिल है।

इससे पहले स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के विरोध में राजस्थान में जमकर प्रदर्शन देखने को मिले थे। बीते महीने मार्च में जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर कई डॉक्टरों ने अपने पंजीकरण, मार्कशीट और स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक की प्रतियां जलाकर इसका विरोध किया था। आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया था कि उनके द्वारा रखे गए सुझावों को विधेयक में शामिल नहीं किया गया है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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