Tuesday , 17 June 2025
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बड़ी खबर: भगोड़े अमृतपाल सिंह के उत्तराखंड में होने की आशंका!

हरियाणा: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस समेत कई राज्यों की पुलिस तलाश रही है। फरार होने के बाद अब तक वो पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है। इस बीच एक खबर सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि अमृतपाल सिंह तीन दिन कुरुक्षेत्र के शाहाबाद कस्बे के सिद्धार्थ कालोनी में रुका था।

एसटीएफ को जैसे सूचना मिली सिद्धार्थ कालोनी में उस मकान में छापा मारा गया, जहां अमृतपाल रुका था। हालांकि एसटीएफ को वह नहीं मिला। यह मकान लाडवा एसडीएफ के रीडर हरजिंदर का है। हरजिंदर ने एसटीएफ के सामने सरेंडर कर दिया है। एसटीएफ ने हरजिंदर की बहन को अपनी हिरासत में ले लिया है। जब एसटीएफ ने मकान पर छापा मारा हरजिंदर की बहन घर पर थी। दैनिक जागरण की खबर में सूत्रों के हवाले से यह भी दावा किया गया है कि कि हरजिंदर की बहन ने पूछताछ में बताया कि अमृतपाल उत्तराखंड की ओर निकल गया है। हालांकि, इस पर अभी पुलिस इस बारे में कुछ भी नहीं बोल रही है।

वहीं, पंजाब पुलिस खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के सभी समर्थकों और उसको सहयोग करने वालों के खिलाफ पिछले शनिवार से ही कार्रवाई कर रही है। पंजाब में हाई अलर्ट है, कहीं धारा 144 लागू है तो कहीं इंटरनेट सेवा बंद है। अमृतपाल लगातार पुलिस से बचने के लिए अपना हुलिया बदल रहा है। कभी कार.. तो कभी बाइक और कभी तो ठेले पर बैठ कर वो अपनी जान बचा रहा है। सूत्रों की मानें तो अमृतपाल सिंह अभी पंजाब में ही कहीं छीपा बैठा है।

पुलिस ने अमृतपाल सिंह के 11 साथियों को उसके अवैध हथियार रखने व उनकी संभाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पकड़े गए अमृतपाल के साथियों में हरमिंदर सिंह, गुरवीर सिंह, अजयपाल सिंह, बलजिंदर सिंह, अमनदीप सिंह, स्वरीत गुरलाल सिंह,संगरूर निवासी गुरप्रीत सिंह, अमृतसर के शहीद उधम सिंह नगर निवासी भूपिंदर सिंह, सुखमनप्रीत सिंह और हरप्रीत सिंह (चालक) शामिल है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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