Friday , 22 November 2024
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आज की सबसे बड़ी खबर : भारत-चीनी सेनाओं के बीच झड़प, एक अफसर और दो जवान शहीद

नई दिल्‍ली : पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। गलवान घाटी में सेनाओं को पीछे करने की कवायद के दौरान दोनों देशों की सेनाओं में झड़प की खबर है। सेना के मुताबिक, हिंसक संघर्ष में भारत ने एक अधिकारी और दो जवान खो दिए हैं। चीन के भी सैनिक मारे गए हैं। हालांकि अभी इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस बड़े घटनाक्रम के बाद, दोनों सेनाओं के वरिष्‍ठ अधिकारी मौके पर मुलाकात कर हालात संभालने की कोशिश में लगे हुए हैं।

आखिरी गोली 70 के दशक में चली थी

भारत और चीन के बीच सीमा पर आखिरी गोली 70 के दशक में चली थी। जैसी खबरें आ रही हैं, उसके मुताबिक गलवान घाटी में करीब 50 साल बाद यह सिलसिला टूट गया है। गलवान घाटी उन पॉइंट्स में है जहां चीन की सेना ने घुसपैठ की थी। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद, चीनी सेना कुछ पॉइंट्स से वापस हटने लगी थी। मगर इस घटना के बाद, सीमा पर तनाव और बढ़ने की आशंका है।

चीन ने पैदा किया है LAC पर तनाव

मई के शुरुआती दिनों में चीनी सैनिकों ने LAC पर आक्रामक रुख अपनाना शुरू किया। पूर्वी लद्दाख में चार जगहों पर पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने घुसपैठ की। बड़ी संख्‍या में चीनी सैनिक आर्टिलरी और बख्‍तरबंद गाड़‍ियों के साथ LAC के पास मौजूद हैं। गलवान घाटी और पैंगोंग झील, दो मुख्‍य पॉइंट हैं जहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।तमाम बातचीत के बाद भी चीन के सैनिक गलवान घाटी से हटने को तैयार नहीं थे। भारतीय सैनिक चीनी जवानों को कल रात पीछे धकेल रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच खूनी झड़प हो गई। जिसमें भारत के तीन जवान शहीद हो गए हैं।

तनाव सुलझाने को मिलिट्री लेवल पर बातचीत

गलवान घाटी में घुसपैठ को खत्‍म करने के लिए कई स्‍तर पर बातचीत चल रही है। यहां पर चीन की मौजूदगी दारबुक-श्‍योक-दौलत बेग ओल्‍डी रोड के लिए खतरा है। यह रोड काराकोरम पास के नजदीक तैनात जवानों तक सप्‍लाई पहुंचाने के लिए बेहद अहम है। पैंगोंग झील का मसला और पेचीदा है। यहां पर चीन ने फिंगर 8 से 4 के बीच 50 वर्ग किलोमीटर से ज्‍यादा भूमि पर कब्‍जा कर रखा है। चीन ने फिंगर 4 के बेस के पास कैंप लगाए हैं। इसके आगे भारत की पैट्रोलिंग टीम को नहीं जाने दिया जा रहा जबकि फिंगर 8 तक भारत का इलाका है। चीन फिंगर 4 तक ही भारत की सीमा मानता है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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