मुंबई | महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक मोड़ आया है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने बीएमसी समेत 10 नगर निगमों में गठबंधन का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। यह गठबंधन 20 साल बाद ठाकरे परिवार की एकता का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य भाजपा को सबक सिखाना और मुंबई में चल रही कथित “लूट” को रोकना है।
बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर श्रद्धांजलि
गठबंधन की घोषणा से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने अपने परिवारों के साथ शिवाजी पार्क में बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह क्षण मराठी जनता के लिए भावनात्मक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
संजय राउत ने कहा: यह महाराष्ट्र के लिए खुशी का क्षण
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, “20 वर्षों तक ठाकरे बंधुओं का साथ नहीं रहा, जिससे महाराष्ट्र को बहुत नुकसान हुआ। अब भाजपा को सबक सिखाने और मुंबई में चल रही लूट को रोकने के लिए उद्धव और राज ठाकरे एकजुट हुए हैं। यह महाराष्ट्र और मराठी जनता के लिए खुशी का क्षण है। बालासाहेब ठाकरे ने यहीं के मूल निवासियों के लिए शिवसेना की स्थापना की थी।”
सीट-शेयरिंग फाइनल, लेकिन आधिकारिक संख्या बाद में
सूत्रों के अनुसार, बीएमसी की कुल 227 सीटों में से शिवसेना (यूबीटी) 145-150 सीटों पर और एमएनएस 65-70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कुछ सीटें एनसीपी (एसपी) को भी दी जा सकती हैं। राउत ने कहा कि सीट-शेयरिंग पर कोई विवाद नहीं है, “हम दिल से एकजुट हुए हैं।” अंतिम घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस में होगी।
एमएनएस नेता बोले: लंबे इंतजार का अंत
एमएनएस नेता यशवंत किल्लेदार ने कहा, “दो भाई एक साथ आ रहे हैं। हम इस पल का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। कार्यकर्ता बहुत उत्साहित हैं।”कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता अतुल लोंढे ने गठबंधन पर सवाल खड़े किए, “क्या यह महायुति में फूट का संकेत है?” कांग्रेस ने पहले ही बीएमसी चुनाव में अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है।
शिवसेना (यूबीटी) विधायक: ऐतिहासिक दिन
शिवसेना (यूबीटी) विधायक सचिन अहीर ने कहा, “यह महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक दिन है। ठाकरे परिवार एक साथ आ रहा है। यह आशा की किरण है। भाजपा के विरोधियों को एकजुट होना चाहिए।”
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