Sunday , 25 May 2025
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नागरिक उड्डयन और जल शक्ति मंत्री से मिले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

नई दिल्ली : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से मुलाकात की। इस दौरान राज्य में विमानन क्षेत्र के विकास, हवाई कनेक्टिविटी में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा देने पर विस्तृत चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।

प्रमुख प्रस्ताव:

  1. पंतनगर हवाई अड्डा विस्तार:
    • रनवे की लंबाई को 1,372 मीटर से बढ़ाकर 3,000 मीटर करने की योजना।
    • उत्तराखंड सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को 524.78 एकड़ भूमि हस्तांतरित की।
    • AAI ने मास्टर प्लान तैयार किया, जिसके त्वरित कार्यान्वयन का अनुरोध किया गया।
  2. जौलीग्रांट हवाई अड्डा उन्नयन:
    • हवाई अड्डे के विस्तार और रात्रिकालीन संचालन को मध्यरात्रि तक बढ़ाने का प्रस्ताव।
    • इससे अधिक यात्रियों को हवाई सेवाओं का लाभ मिलेगा।
  3. नैनीसैनी हवाई अड्डा (पिथौरागढ़) कनेक्टिविटी:
    • क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS-UDAN) के तहत पिथौरागढ़ से नई दिल्ली के लिए नियमित उड़ान शुरू करने का अनुरोध।
    • पिथौरागढ़ से धारचूला और मुनस्यारी के लिए RCS उड़ानें शुरू करने का प्रस्ताव, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा होगी।
    • नैनीसैनी हवाई अड्डे पर रात्रिकालीन संचालन के लिए वॉच आवर्स बढ़ाने की मांग।
    • पिथौरागढ़ की सामरिक महत्ता पर जोर, क्योंकि यह तिब्बत (चीन) और नेपाल की सीमा से सटा है।
  4. अन्य पहल:
    • देहरादून, पिथौरागढ़ और पंतनगर हवाई अड्डों पर ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ स्टॉल स्थापित करने का प्रस्ताव, ताकि स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन मिले।
    • देहरादून-हल्द्वानी, देहरादून-पंतनगर और देहरादून-नागपुर के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने का अनुरोध।
    • जौलीग्रांट हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की मांग।
    • चिन्यालीसौड़ और गौचर हवाई पट्टियों का निरीक्षण और हवाई सेवाएं शुरू करने का प्रस्ताव।

जलविद्युत क्षेत्र में विकास

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से मुलाकात की। इस दौरान उत्तराखंड के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आठ जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण और विकास का अनुरोध किया गया। इनमें 647 मेगावाट की सात परियोजनाएं और 114 मेगावाट की एक परियोजना शामिल है।

प्रमुख बिंदु

  1. सेला उर्थिंग जलविद्युत परियोजना (114 मेगावाट):
    • यह परियोजना पिथौरागढ़ में धौलीगंगा नदी पर प्रस्तावित है और गंगा बेसिन का हिस्सा नहीं है।
    • गंगा और उसकी सहायक नदियों के बाहर की परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं होने के कारण इसकी स्वीकृति का अनुरोध।
    • संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने की मांग।
  2. सात जलविद्युत परियोजनाएं (647 मेगावाट):
    • ये परियोजनाएं भारत सरकार के कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों और राज्य सरकार के अनुरोध के अनुरूप हैं।
    • इनकी स्वीकृति के लिए अनुरोध किया गया।

पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता:

  • उत्तराखंड सरकार मां गंगा और अन्य नदियों की निर्मलता, अविरलता और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
  • सभी परियोजनाएं विशेषज्ञों की सिफारिशों और सतत विकास के लक्ष्यों के अनुरूप होंगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इन प्रयासों से उत्तराखंड में विमानन और जलविद्युत क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की उम्मीद है। हवाई कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ, जलविद्युत परियोजनाएं राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देंगी। केंद्रीय मंत्रियों के सकारात्मक रुख से इन योजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन की संभावना बढ़ी है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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