सिक्किम में बादल फटने से भारी तबाही नजर आई, कहीं पुल बह गए तो कहीं घर, तो कहीं रास्ते भी नहीं बचे. सिक्किम के अलग-अलग जिलों से तकरीबन 50 लोगों के लापता होने की भी खबर है. इसमें 23 सेना के जवान भी शामिल हैं. बुधवार सुबह गंगटोक, ताशी, चोपल, पैकयोंग, रैंगपो समेत आसपास के सभी जिलों में हालात बेकाबू नजर आए, अनगिनत इमारतों को नुकसान पहुंचा और तकरीबन 6 घर बाढ़ में बह गए. वन विभाग का एक गेस्ट हाउस, दो सरकारी क्वार्टर, पुलिस चौकी भी बाढ़ से नहीं बच सका. तीस्ता में आई विकराल बाढ़ से सेना के कुछ कैंपों को भी नुकसान पहुंचा है.
देर रात तकरीबन डेढ़ बजे बादल फटा था. इसके बाद लाचेन घाटी में अचानक बाढ़ आ गई. पानी का दबाव इतना बढ़ा की चुंगथांग बांध से पानी छोड़ना पड़ा. इससे हालात और विकराल हो गए और सिक्किम के ज्यादातर जिले इसकी चपेट में आ गए. हालात ऐसे थे कि तीस्ता नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट बढ़ गया. इससे आसपास के सभी इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए. रात से ही यहां सेना और एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है. निचले इलाकों से लोगों को रेस्क्यू कर राहत शिविरों में ले जाया जा रहा है.
तीस्ता नदी के आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर लोगों से आसपास के इलाके खाली करने की भी अपील की जा रही है. बाढ़ का असर पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग तक नजर आ रहा है. तीस्ता नदी में आई बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई. पानी का वेग इतना ज्यादा था कि इससे मंगन जिले में टूंग ब्रिज टूट गया, इससे चुंगनाथ का अन्य जिलों से संपर्क ही टूट गया. इसके अलावा फोदोंग से भी एक पुल बहने की खबर आ रही है.
सबसे ज्याद तबाही फोदोंग और डिचकू जिले में ही देखने को मिली. फोदोंग में 4 और डिचकू में 2 घर बाढ़ में बढ़ गए. इसके अलावा संग्खोला जिले में एक क्रशर प्लांट के दो और फोदोंग में 1 मजबूर समेत 7 लोग बाढ़ में बह गए. बाढ़ ने यहां स्थापित एक पुलिस चौकी का भी नामोनिशान मिटा दिया. सिक्किम के संग्खोला जिले में बाढ़ की वजह से वन विभाग का एक गेस्ट हाउस बह गया, इसके अलावा सरकारी क्वार्टरों की दो यूनिट भी बाढ़ की वजह से बह गईं. इसी तरह नामची जिले से एलडी काजी ब्रिज और इंद्रेणी ब्रिज बह गए.
सिक्किम में बादल फटने से हुई तबाही पर ताशी, चोपल, पैकयोंग के जिला मजिस्ट्रेट ने पुष्टि की है, तीस्ता नदी में बाढ़ आने की वजह से कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है, तमाम वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि आपदा में कई लोगों की जान भी गई है, लेकिन इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. उन्होंने बताया कि पिछली रात को 3 से 4 हजार लोग रैंगपो से रेस्क्यू किए जा चुके हैं. इसके अलाावा 5 से ज्यादा राहत कैंप स्थापित किए गए हैं.