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देशभर में UPI आउटेज से डिजिटल पेमेंट्स ठप, Paytm, PhonePe, Google Pay यूजर्स परेशान

 
नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025: शनिवार को देशभर में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की सेवाओं में बड़े पैमाने पर रुकावट देखी गई, जिसके कारण लाखों यूजर्स को डिजिटल पेमेंट्स करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस आउटेज ने Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे प्रमुख डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स को प्रभावित किया, और यूजर्स ने फंड ट्रांसफर, पेमेंट्स और ऐप्स के इस्तेमाल में दिक्कतों की शिकायत की। यह समस्या सुबह से शुरू हुई और दोपहर तक अपने चरम पर पहुंच गई, जिसके चलते सोशल मीडिया और आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट्स पर शिकायतों की बाढ़ आ गई।

क्या रही समस्या?
यूजर्स ने बताया कि UPI के जरिए छोटे-बड़े लेनदेन करने में असफलता मिल रही थी। कई लोगों ने QR कोड स्कैन करने के बाद पेमेंट फेल होने, ऐप्स के क्रैश होने और ट्रांजैक्शन में देरी की शिकायत की। आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट Downdetector के अनुसार, दोपहर 12 बजे तक 1,200 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 66% पेमेंट फेल होने और 34% फंड ट्रांसफर में रुकावट से संबंधित थीं। Google Pay पर करीब 100, Paytm पर 23 और PhonePe पर भी सैकड़ों शिकायतें सामने आईं। कुछ यूजर्स ने यह भी बताया कि उनके खाते से पैसे कट गए, लेकिन सामने वाले को क्रेडिट नहीं हुए।

सोशल मीडिया पर यूजर्स का गुस्सा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की। एक यूजर ने लिखा, “UPI फिर डाउन हो गया है! न खाना ऑर्डर हो पा रहा है, न किराने का बिल दे पा रहा हूं। क्या हर हफ्ते यही होगा?” एक अन्य यूजर ने कहा, “Paytm, PhonePe, Google Pay सब फेल। अब तो जेब में नकदी रखनी पड़ेगी।” कई लोगों ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से तुरंत जवाब और समाधान की मांग की।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह कोई पहला मौका नहीं है जब UPI यूजर्स को इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा हो। बीते कुछ हफ्तों में भी ऐसी घटनाएं सामने आई थीं। 26 मार्च को भी UPI सेवाओं में रुकावट हुई थी, जब हजारों यूजर्स ने इसी तरह की शिकायतें दर्ज की थीं। उस समय NPCI ने इसे “आंतरायिक तकनीकी समस्या” बताया था और कुछ घंटों में सेवाएं बहाल कर दी थीं। हालांकि, 12 अप्रैल की घटना के लिए NPCI की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

बैंकों पर भी असर
इस आउटेज का असर सिर्फ थर्ड-पार्टी ऐप्स तक सीमित नहीं रहा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्रमुख बैंकों के यूजर्स ने भी UPI ट्रांजैक्शंस में रुकावट की बात कही। कुछ बैंकों ने सुबह के समय निर्धारित रखरखाव (मेन्टेनेंस) की सूचना दी थी, लेकिन व्यापक स्तर पर UPI नेटवर्क में आई इस खराबी को सामान्य रखरखाव से जोड़कर नहीं देखा जा रहा है।

UPI का महत्व और चुनौतियां
UPI भारत में डिजिटल पेमेंट्स का आधार बन चुका है, जो देश में 80% से ज्यादा रिटेल लेनदेन को संभालता है। जनवरी 2025 में UPI ने 16.99 अरब ट्रांजैक्शंस दर्ज किए, जिनका मूल्य 23.48 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था। इतने बड़े पैमाने पर निर्भरता के कारण इस तरह के आउटेज का असर छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और आम यूजर्स पर गहरा पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते लेनदेन की मात्रा के साथ UPI के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न आएं।

यूजर्स के लिए सलाह
जब तक UPI सेवाएं पूरी तरह बहाल नहीं हो जातीं, यूजर्स को सलाह दी जा रही है कि वे वैकल्पिक भुगतान विकल्पों जैसे डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या नकदी का उपयोग करें। साथ ही, बार-बार असफल ट्रांजैक्शंस को दोहराने से बचें, क्योंकि इससे डुप्लिकेट पेमेंट्स का जोखिम हो सकता है। NPCI और संबंधित ऐप्स के आधिकारिक चैनलों से अपडेट्स लेते रहें।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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