देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य गठन को 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक राज्य अपनी स्थायी राजधानी तय नहीं कर पाया है। इसी मुद्दे को केंद्र में रखकर “स्थायी राजधानी गैरसैंण समिति” का गठन कुछ समान विचारधारा वाले नागरिकों द्वारा किया गया है। समिति का एकमात्र उद्देश्य गैरसैंण को उत्तराखण्ड की स्थायी राजधानी घोषित कराना है।
इस लक्ष्य को लेकर समिति ने राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर 21 सितम्बर को धरना-प्रदर्शन आयोजित किया था। इसके बाद 12 अक्टूबर को देहरादून में भी समिति ने धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन कार्यक्रम सम्पन्न किया।
अब समिति ने ऐलान किया है कि 9 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के दिन चमोली जिले के कर्णप्रयाग में सुबह 11 बजे से एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इसी दिन मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए बुलाई गई है क्योंकि 3 और 4 नवम्बर को उत्तराखण्ड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत है। यदि इस सत्र में सरकार गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाती है, तो 9 नवम्बर को कर्णप्रयाग में इसे स्वागत समारोह के रूप में मनाया जाएगा।
लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ, तो समिति ने चेतावनी दी है कि 26 नवम्बर से पहाड़ के हर घर में काले झंडे टांगकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। समिति के सदस्य 9 नवम्बर के बाद गांव-गांव जाकर आंदोलन को जन-आंदोलन का रूप देंगे।
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