Tuesday , 17 June 2025
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भारत ने ईरान में रह रहे नागरिकों के लिए जारी की नई एडवाइजरी, छात्रों को सुरक्षित निकालने का अभियान तेज़

तेहरान/नई दिल्लीः ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष ने पश्चिम एशिया को एक बार फिर संकट की ओर धकेल दिया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने ईरान में रह रहे अपने नागरिकों, खासकर छात्रों के लिए एक नई और सख्त एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों से “शीघ्र और सुरक्षित रूप से ईरान छोड़ने” की अपील की है।

तेहरान छोड़ने की सख्त सलाह

भारतीय दूतावास ने स्पष्ट किया है कि जो भारतीय नागरिक या Person of Indian Origin (PIO) तेहरान में मौजूद हैं और जिनके पास आवश्यक संसाधन हैं, वे तुरंत शहर छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। दूतावास ने कहा है कि जब तक वापसी की व्यवस्था नहीं हो जाती, लोग ऐसी जगह ठहरें जो अपेक्षाकृत सुरक्षित हो और दूतावास के संपर्क में रहें।

दूतावास ने यह भी आग्रह किया है कि जो भारतीय नागरिक अभी तक मिशन के संपर्क में नहीं आए हैं, वे तुरंत अपने ठिकाने और संपर्क जानकारी साझा करें। इसके लिए तीन विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं: +98 9010144557, +98 9128109115, +98 9128109109

भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी का कार्य शुरू

ईरान में करीब 10,000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से लगभग 1,500 छात्र कश्मीर से हैं। अधिकांश छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए ईरान में हैं। सैन्य तनाव के मद्देनज़र भारत ने इन छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है।

तीन प्रमुख मेडिकल विश्वविद्यालयों तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी, ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से छात्रों को निकाल कर पहले से तय सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

शहीद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्र वेलेंजक परिसर से बस द्वारा कोम शहर भेजे गए हैं। उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और अराक यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी निकालने की प्रक्रिया जारी है।

हवाई क्षेत्र बंद, निकासी अब आर्मेनिया के ज़रिए

ईरान के हवाई क्षेत्र के आंशिक रूप से बंद होने के कारण छात्रों की निकासी अब भूमिगत मार्गों से की जा रही है। भारत सरकार छात्रों को ईरान से आर्मेनिया, फिर जॉर्जिया, और वहाँ से पश्चिम एशिया के रास्ते भारत वापस लाने की योजना पर काम कर रही है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 110 छात्रों का पहला जत्था आर्मेनिया सीमा पर पहुँच चुका है। तेहरान में सोमवार को निकासी के लिए विशेष बसों की व्यवस्था की गई थी।

दूतावास की चौकसी और प्रशासन से समन्वय

भारतीय दूतावास ने ईरानी विश्वविद्यालयों से लगातार संपर्क बनाए रखा है। शिराज यूनिवर्सिटी और इस्फहान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज से भी छात्रों की निकासी की योजना मंगलवार सुबह के लिए बनाई गई है। दूतावास ने अराक यूनिवर्सिटी प्रशासन से सभी भारतीय छात्रों को निकालने में मदद की अपील की है।

नागरिकों से संयम और सतर्कता की अपील

भारत सरकार ने अपने नागरिकों से इस संवेदनशील परिस्थिति में अफवाहों से दूर रहने, केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करने और हर हाल में संयम बरतने की अपील की है। भारतीय दूतावास हर संभव सहायता देने के लिए 24 घंटे सक्रिय है।

नज़रें आगे की रणनीति पर

पश्चिम एशिया में हालात किसी भी क्षण और बिगड़ सकते हैं। भारत ने वक्त रहते अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जो तेज़ क़दम उठाए हैं, वो काबिल-ए-तारीफ़ हैं। लेकिन अब आगे की चुनौती है — सभी भारतीयों की सुरक्षित वापसी और वहाँ बचे लोगों की लगातार निगरानी। दूतावास का यह मानना है कि अगर स्थिति और बिगड़ती है तो यह निकासी अभियान और भी जटिल हो सकता है।

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