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कोटद्वार-लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग: राम कंडवावल की पहल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नितिन गडकरी को लिखा पत्र

कोटद्वार : उत्तराखंड के कोटद्वार में लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के निर्माण को लेकर चल रहे आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल की अगुवाई में पिछले 30 दिनों से धरने पर बैठे स्थानीय निवासियों और पत्रकारों की आवाज अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंची है। सीएम ने इस मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लेते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना को शीघ्र शुरू करने की मांग की है। इससे क्षेत्रवासियों में उम्मीद जगी है कि वर्षों से अधर में लटकी यह परियोजना जल्द हकीकत बन सकती है।

राम कंडवाल की पहल, सीएम का त्वरित कदम

5 अक्टूबर 2025 को उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र सौंपकर कोटद्वार-लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के निर्माण में हो रही देरी का मुद्दा उठाया था। पत्र में उन्होंने बताया कि 11.5 किलोमीटर लंबी यह प्रस्तावित सड़क 1980 से अधूरी पड़ी है, जिसके कारण स्थानीय लोगों को भारी असुविधा हो रही है। कंडवाल ने लिखा, “यह सड़क पौड़ी गढ़वाल को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके निर्माण से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।”

मुख्यमंत्री धामी ने इस पत्र को गंभीरता से लिया और कंडवाल से मुलाकात के बाद तुरंत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा। सूत्रों के अनुसार, सीएम ने अपने पत्र में सड़क निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि और तकनीकी स्वीकृति की मांग की है। उन्होंने इस परियोजना को उत्तराखंड की अवसंरचना विकास योजना का हिस्सा बताते हुए केंद्र से त्वरित सहयोग का अनुरोध किया है।

स्थानीय लोगों में जगी उम्मीद

लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के निर्माण में तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण लंबे समय से देरी हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस सड़क के बनने से कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में आवागमन आसान होगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

राम कंडवाल की सक्रियता

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल इससे पहले पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच और परीक्षाएं रद्द कराने में अपनी अहम भूमिका के लिए चर्चा में रहे थे। अब लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के लिए उनकी पहल ने एक बार फिर स्थानीय हितों की रक्षा का उदाहरण पेश किया है। कंडवाल ने कहा, “हमारी मांग केवल एक सड़क की नहीं, बल्कि क्षेत्र के विकास और जनता की सुविधा की है। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द इस पर सकारात्मक कदम उठाएगी।”

केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार

परिवहन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड की भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना पर विचार चल रहा है। सीएम धामी की इस पहल को राज्य सरकार की जन-केंद्रित नीतियों का एक उदाहरण माना जा रहा है, जहां एक आम नागरिक की आवाज न केवल मुख्यमंत्री तक पहुंची, बल्कि केंद्र सरकार तक गूंज उठी।

केंद्र सरकार को लेना है फैसला

कोटद्वार-लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के निर्माण से न केवल स्थानीय लोगों की दशकों पुरानी मांग पूरी होगी, बल्कि यह परियोजना क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई गति देगी। अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार के जवाब पर टिकी हैं, जिससे इस सड़क का निर्माण जल्द शुरू हो सके।

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