Thursday , 21 November 2024
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मजदूरों को बंधुआ बनाना चाहती है मोदी सरकार, ऐक्टू का देशव्यापी विरोध का एलान

हल्द्वानी/देहरादून : कोरोना आपदा से निपटने के लिए जारी लॉक डाउन का सारा आर्थिक बोझ देश के मजदूरों पर डाल बड़े बड़े कॉरपोरेटों व मालिकों का तिजोरी भरने के लिए मोदी सरकार द्वारा मजदूरों को मालिकों,कॉपोरेटों का बंधुआ व गुलाम बनाने के मुहिम के तहत हाल ही में तीन भाजपा शाषित राज्यों, यूपी मे लगभग 3 वर्ष (1000 दिन), गुजरात मे सवा तीन साल (1200 दिन) के लिये श्रम कानून को शिथिल करने, एमपी, यूपी, गुजरात, राजस्थान, हिमांचल में 8 घण्टा काम को 12 घण्टा कर दिए जाने के तर्ज पर उत्तराखंडमें भी श्रम कानूनों को समाप्त करने का बयान देने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंड रावत सरकार की निंदा की है

ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) के उत्तराखंड महामंत्री के के बोरा ने भाजपा सरकार पर निशाना लगते हुए कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार मजदूरों-गरीबों के लिये डबल धोखा -डबल मुसीबत की सरकार साबित हुई है। ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) के उत्तराखंड राज्य उपाध्यक्ष कामरेड के पी चंदोला। उन्होंने पर हमला करते हुए कहा कि किस मुंह से गरीब मजदूरों का नाम लेते है क्या इनकी अंतरात्मा मजदूरों के लिये पत्थर की बन गयी है? उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावतसे श्रम कानूनों के स्थगन पर विचारके बयान पर उत्तराखंडके मजदूरों से माफी मांगने की भी मांग किया है।

कामरेड बोरा ने बताया कि कॉरपोरेटों, मालिकों का तिजोरी भरने के लिये मोदी सरकार द्वारा देश के श्रम कानून जो कि आजादी के दौर में बने है को समाप्त कर देश के करोड़ो- करोड़ मजदूरों को मालिकों का गुलाम व अपने ही देश मे बधुआँ मजदूर बनाने की हिमाकत करने की दिशा में बढ़ गयी है, जो काम कभी विदेशी हुकूमत वाले अंग्रेज किया करते थे आज उन अंग्रेजो से भी आगे बढ़कर मोदी सरकार मजदूर विरोधी क्रूर निर्णय कर रही है। श्रम कानूनों को समाप्त किये जाने के खिलाफ ऐक्टू ने आगामी 12-13 मई को देशव्यापी दो दिवसीय विरोध दिवस की घोषणा किया है, इस दौरान ऐक्टू से सम्बद्ध सभी यूनियनें काली पट्टी बांध काम करेंगे साथ ही श्रम कानूनों को शिथिल व समाप्त करने के आदेश पत्र को जगह जगह जलाया जाएगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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