कुछ हटके: होली पर उत्साह और उल्लास का माहौल रहता है, लेकिन, देश में ऐसा गांव भी है, जहां के लोग मुसलमानों को रंग लगाते हैं फिर उन्हें गाली देते हैं। हैरानी की बात है कि ये लोग इससे नाराज नहीं होते बल्कि हंस कर होली की बधाई देते हैं।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत स्थित इस गांव का नाम शेरपुर है। इसे नवाबों का गांव कहा जाता है। होली का त्योहार यहां बिल्कुल हटकर मनाया जाता है। यहां होली के दिन हिंदू अपने मुस्लिम भाईयों को रंग लगाने के बाद गाली देते हैं। लेकिन मुसलमान इससे नाराज नहीं होते हैं।
बल्कि हंस कर बधाई देते हैं। मुसलमानों को रंग लगाने और गाली देने के बाद हिंदूओं को बदले में नजराना भी मिलता है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि होली की ये परंपरा नवाबी दौर से चली आ रही है। पीढियां बदल गई, लेकिन रिवाज आज भी कायम है।
होली के दिन रंग-गुलाल से सराबोर हुरियारों की टोलियां गांव की गलियों में निकल पड़ती है। धमाल करते हुए टोलियां नवाब साहब की कोठी के सामने पहुंच जाती है। इसके बाद तो होली के गीतों के बीच ही बौछार होने लगती है। इसी दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सामने आ जाते हैं तो गालियों का क्रम और तेज होने लगता है।
ऐसे में हिंदू भाइयों की गालियों पर कोई मुसलमान नाराज नहीं होता, बल्कि सभी हंसते हुए हुरियारों को बतौर नजराना कुछ रुपए देकर उन्हें विदा करते हैं। ये कार्यक्रम कई घंटों तक चलता है। हुरियारे मुस्लिम परिवारों के घरों के बाहर यही सब दोहराते हुए फगुआ वसूलने के बाद ही वहां से हटते हैं। मुस्लिम बाहुल आबादी वाले इस गांव में सैकड़ों हिंदू परिवार भी रहते हैं। जब होली आती है तो हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम भी उत्साहित हो जाते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग होलिका की तैयारी में सहयोग से कभी पीछे नहीं हटते।
पूरनपुर तहसील की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत का रूतबा रखने वाला ये गांव नवाबों का रहा है। बुजुर्गों का कहना है कि होली का ये रिवाद नवाबी दौर से ही चला आ रहा है। पीढ़ियां बदल गईं, लेकिन रिवाज कायम है। गांव की आबादी करीब 45 हजार के आसपास है। इनमें लगभग दो हजार ही हिंदू हैं। खास-बात ये है कि इस गांव मे कभी भी सांप्रदायिक तनाव की समस्या नहीं आती है। होली पर हिंदू समुदाय के लोग हुड़दंग करते हैं लेकिन कोई इसका बुरा नहीं मानता।