ऋषिकेश: मुनिकीरेती के खारा श्रोत इलाके में हाल ही में एक युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी, जो शराब के ठेके के पास बनी एक दुकान में हुई। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है, और तब से ही शराब ठेके को बंद करने की मांग जोर पकड़ रही है। हालांकि, न तो राज्य सरकार इस पर ध्यान दे रही है और न ही आबकारी विभाग कोई ठोस कार्रवाई कर रहा है।
विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि शराब ठेका खुलने के बाद से इस क्षेत्र में चार हत्याएं हो चुकी हैं, और इसके लिए पूरी तरह से ठेका जिम्मेदार है। उनका कहना है कि ठेका नगर पालिका की जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया है, और इसके लिए पालिका से कोई अनुमति नहीं ली गई। जिला आबकारी अधिकारी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह जमीन सरकार की है, और सरकार अपनी जमीन को किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकती है।
बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब नगर पालिका ने ठेके के आसपास की अन्य दुकानों पर कार्रवाई की, तो शराब ठेके को क्यों बख्शा गया? विरोधियों का दावा है कि ठेका बिना एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के संचालित हो रहा है। हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान, आबकारी इंस्पेक्टर ने अधिकारियों के निर्देश पर ठेका बंद करने की लिखित सहमति दी थी, लेकिन अब जिला अधिकारी का कहना है कि ठेका पूरी तरह नियमों के अनुरूप चल रहा है।
आक्रोशित लोगों ने इस मामले में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को सीधे निशाने पर लिया है। उनका आरोप है कि ठेके से जुड़ी सारी अनियमितताएं मंत्री के इशारे पर हो रही हैं। साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की और रात भर धरने पर डटे रहे।
एक और महत्वपूर्ण सवाल यह है कि ठेका अर्ध कुंभ क्षेत्र के दायरे में आता है, फिर भी यह किन नियमों के तहत खुला हुआ है? स्थानीय निवासियों का मानना है कि ठेके के पीछे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का हाथ है, जिसकी वजह से कार्रवाई नहीं हो रही। इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना बाकी है, लेकिन जनता का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।
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