Tuesday , 11 February 2025
Breaking News

SC ने किया सुपर पवार प्रयोग, अजन्मे बच्चे को बचाने के लिए फैसला, पढ़ें पूरी खबर

देश की सर्वोच्च अदालत ने एक गर्भ में पल रहे एक बच्चे को बचाने के लिए संविधान के तहत मिली असाधारण शक्तियों का प्रयोग किया है. 20 साल की युवती ने अनचाहे गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी थी. इस मामले पर एम्स (AIIMS) ने गर्भपात न करने की सलाह दी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एम्स को युवती का सुरक्षित प्रसव कराने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के दखल के चलते जन्म के बाद बच्चे को नया परिवार भी मिलेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे के जन्म के बाद उसे एक इच्छुक परिवार को सौंपने की अनुमति दी है. इस परिवार ने युवती की याचिका के बारे में जानने के बाद बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिले अधिकार का प्रयोग करते हुए एम्स को प्रसव कराने का निर्देश दिया और शिशु को इच्छुक परिवार को सौंपने की अनुमति दी थी.

उत्तराखंड : ढोल-दमाऊ की थाप पर सरस्वती वंदना, बेटियों को सलाम…VIDEO 

20 साल की इंजीनियरिंग छात्रा ने 29 माह के गर्भ को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. युवती ने कोर्ट को बताया था कि उसे 7 महीने बाद गर्भ ठहरने का पता चला. कोर्ट को यह भी बताया गया कि युवती अविवाहित है और उसके परिवार वाले बच्चे को अपनाने को तैयार नहीं है.

मामला तब पेचीदा हो गया जब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एम्स के मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट पेश की. एम्स ने अपनी रिपोर्ट में सलाह दी कि इस स्थिति में अगर सर्जरी की जाती है तो बच्चा गर्भ से जीवित ही बाहर आएगा. जीवित होने की स्थिति में बच्चे को नवजात शिशु गृह में रखना होगा. एम्स की रिपोर्ट के बाद यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में पहुंच गया.

उत्तराखंड : अब होगा फर्जी JE-AE का खुलासा, 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने भी माना कि यह केस गर्भपात के उन मामलों की तरह नहीं है, जिनमें अनुमति दी जाती रही है. पिछली सुनवाई में सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि ऐसी स्थिति में गर्भपात 29 सप्ताह के बच्चे की हत्या के समान होगा.

असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने एडिशनल सॉलीसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को युवती से बात करने को कहा. लड़की से बात करने के बाद ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि अब वह गर्भ में पल रहे बच्चे को जन्म देने को तैयार है लेकिन अपनी परिस्थितियों के चलते उसे अपने पास नहीं रख सकती. भाटी ने यह भी बताया कि एक युगल है जो जन्म के बाद बच्चे को गोद लेने और उसकी परवरिश के लिए तैयार है.

उत्तराखंड : राज्य आंदोलनकारियों को मिलेगा तोहफा, जल्द हो सकता है फैसला!

इस युगल ने सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) में रजिस्ट्रेशन भी कराया हुआ है. कोर्ट को बताया गया कि छात्रा बहुत टूटा हुआ महसूस कर रही थी. वहीं, लड़की के वकील ने कहा कि वह बहुत परेशानी में हैं और कुछ गलत कदम उठा सकती है. इस पर ऐश्वर्या ने कहा कि ऐसा है तो वह लड़की को अपने साथ रखने को तैयार हैं.

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

बड़ी खबर : महिला से दुष्कर्म का आरोपी BJP नेता दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा गिरफ्तार

दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में नामजद दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा को पुलिस ने गिरफ्तार …

error: Content is protected !!