नई दिल्ली : दिल्ली में लगातार बिगड़ते वायु प्रदूषण और ग्रेप (GRAP) के स्टेज-4 के तहत स्वास्थ्य आपातकाल जैसे हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन प्रतिबंधों की घोषणा की।
मुख्य प्रतिबंध 18 दिसंबर (गुरुवार) सुबह से लागू
- बाहरी राज्यों के वाहनों की एंट्री पर रोक
- केवल BS-6 (पेट्रोल/डीजल) मानक वाली गाड़ियां ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगी।
- BS-2, BS-3 और BS-4 कैटेगरी की सभी गाड़ियां (प्राइवेट कार, टैक्सी, ऑटो, स्कूल बस, कमर्शियल वाहन सहित) पूरी तरह प्रतिबंधित।
- सभी इलेक्ट्रिक वाहन और CNG वाहन (चाहे किसी भी राज्य में रजिस्टर्ड हों) को छूट रहेगी।
- दिल्ली में पहले से मौजूद बाहरी गाड़ियों की सख्त चेकिंग
- यदि कोई बाहरी गाड़ी BS-6 मानक पर खरी नहीं उतरती, तो उसे जब्त किया जाएगा।
- इंटरस्टेट बस सेवाओं पर संकट
- ज्यादातर इंटरस्टेट बसें BS-4 डीजल हैं, इसलिए इनका दिल्ली में प्रवेश बंद हो सकता है।
- PUCC अनिवार्य, नहीं तो नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल
- 18 दिसंबर से बिना वैध PUC सर्टिफिकेट के किसी भी पेट्रोल/डीजल वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा।
- पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरों से जांच होगी।
- दूसरे राज्यों का वैध PUC भी मान्य होगा।
- निर्माण सामग्री की ढुलाई पूरी तरह बंद
- दिल्ली के अंदर या बाहर से आने-जाने वाली सभी कंस्ट्रक्शन मटेरियल ले जाने वाली गाड़ियों पर पूर्ण प्रतिबंध।
- बॉर्डर पर ही ऐसे वाहनों को रोका और जब्त किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा, “ये फैसले लोगों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए लिए गए हैं। प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो चुका है, इसलिए कड़ाई जरूरी है।”
दिल्ली वासियों से अपील की गई है कि वे निजी वाहनों का कम से कम उपयोग करें और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें। आगे की स्थिति के आधार पर इन प्रतिबंधों में बदलाव संभव है।
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