नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए दिल्ली सरकार ने आज से बड़ा कदम उठाया है। 1 नवंबर से अन्य राज्यों में पंजीकृत BS-3 और उससे निचली श्रेणी के सभी मालवाहक वाहनों का दिल्ली में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसे वाहनों को सीमा पर ही रोककर वापस भेजा जाएगा।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देश पर लागू इस प्रतिबंध में हल्के (LGV), मध्यम (MGV) और भारी मालवाहक वाहन (HGV) शामिल हैं। परिवहन विभाग ने 84 विशेष टीमें गठित की हैं, जिनमें से 46 टीमें दिल्ली की 150 प्रवेश सीमाओं पर तैनात रहेंगी। ये टीमें यातायात पुलिस और MCD टोल प्लाजा स्टाफ के साथ मिलकर निगरानी करेंगी।
जागरूकता अभियान के बावजूद सख्ती
परिवहन विभाग ने केंद्रीय मंत्रालय से डेटा लेकर पड़ोसी राज्यों (उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान) में पंजीकृत BS-3 वाहन मालिकों को SMS के जरिए चेतावनी भेजी थी। फिर भी यदि कोई वाहन सीमा पर पहुंचता है, तो उसे निर्धारित U-टर्न से वापस भेजा जाएगा। टोल प्लाजा पर शुल्क कटने के बाद भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “प्रतिदिन करीब 500 BS-3 मालवाहक दिल्ली में प्रवेश करते हैं। हमने सभी को जागरूक किया है। अब नियम तोड़ने पर ₹20,000 तक का चालान कटेगा।”
यात्रियों को नहीं होगी परेशानी
अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रतिबंध से दैनिक यात्रियों और आवश्यक सेवाओं पर असर न पड़े। पड़ोसी राज्यों के जिला अधिकारियों से भी संपर्क कर सहयोग मांगा गया है ताकि वाहन चालक दिल्ली सीमा तक न आएं।
प्रदूषण नियंत्रण की बड़ी पहल
दिल्ली में नवंबर-दिसंबर में प्रदूषण चरम पर होता है। CAQM ने BS-3 वाहनों को प्रदूषण का प्रमुख स्रोत माना है। पिछले साल GRAP-3 लागू होने पर भी ऐसे वाहनों पर रोक लगाई गई थी, लेकिन इस बार स्थायी प्रतिबंध पहली बार लागू किया गया है।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “यह कदम दिल्ली की हवा को साफ करने की दिशा में मील का पत्थर है। हम प्रदूषण के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं।”
दिल्लीवासी इस कदम का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन माल ढुलाई करने वाले चालकों में असमंजस है। विभाग ने वैकल्पिक BS-4 या उच्चतर वाहनों का उपयोग करने की अपील की है।
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